नयी टिहरी : उत्तराखंड के टिहरी जिले के बूढ़ाकेदार क्षेत्र के कोट गांव में बुधवार तड़के भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन से एक मकान जंमीदोज हो गया, जिससे उसमें रहने वाले परिवार के छह सदस्य जिंदा दफन हो गये और एक बच्ची घायल हो गयी. भूस्खलन के मलबे में परिवार का एक और सदस्य अभी दबा हुआ है, जिसकी तलाश के लिए बचाव अभियान चलाया जा रहा है. घटनास्थल से छह शव बरामद कर लिये गये हैं, जिनमें तीन बच्चे हैं.
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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए स्थानीय प्रशासन को तेजी से राहत बचाव कार्य करने के निर्देश दिये हैं. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची राज्य आपदा प्रबंधन (एसडीआरएफ) और आपदा प्रबंधन विभाग की टीम ने स्थानीय लोगों की मदद से सबसे पहले घायल बालिका 11 वर्षीया बबली को मलबे से बाहर निकाला. इसके बाद मलबे से शवों को बाहर निकाला गया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, तड़के करीब साढ़े चार बजे कोट गांव में भारी बारिश के बाद पहाड़ी से भूस्खलन हुआ, जिसकी चपेट में आकर चार कमरों का मकान जंमीदोज हो गया, जिससे गहरी नींद में सो रहे एक ही परिवार के आठों सदस्य उसके मलबे के नीचे दब गये. प्रभावित मकान उमा सिंह का था, जिनका परिवार इसमें रहता है. उमा सिंह और उनकी पत्नी डब्बली देवी गांव से दूर अपनी गौशाला में गये हुए थे, जबकि परिवार के अन्य आठ सदस्य कोट गांव में ही थे. भूस्खलन के मलबे से मोर सिंह (32), आशीष (10), संजू देवी (24), अतुल (8), लक्ष्मी देवी (24), स्वाति (3) के शव निकाले जा चुके हैं, जबकि मोर सिंह की पत्नी हंस देई (28) अब भी मलबे में दबी है. उनकी खोबजीन की जा रही है.
सूचना मिलने पर जिलाधिकारी सोनिका तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे. प्रदेश के उच्च शिक्षा और जिले के प्रभारी मंत्री डॉ धन सिंह रावत, क्षेत्रीय विधायक शक्तिलाल शाह देहरादून से हेलीकॉप्टर से बूढ़ाकेदार के लिए निकले, लेकिन भारी बारिश के कारण उनका हेलीकॉप्टर रवाना नहीं हो पाया. मुख्यमंत्री रावत ने जिलाधिकारी को घायलों के इलाज की उचित व्यवस्था करने तथा उन्हें अनुमान्य आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं.
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने दुःख व्यक्त करते हुए राज्य सरकार से पीडितों को शीघ्र सहायता उपलब्ध कराने एवं राहत एवं बचाव के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की है. प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा टिहरी के पूर्व विधायक किशोर उपाध्याय ने आरोप लगाया कि बूढ़ाकेदार क्षेत्र के आपदा के प्रति संवेदनशील होने के बावजूद सरकार द्वारा ग्रामीणों को विस्थापित नहीं किया जा रहा है. उन्होंने आपदा में मारे गये व्यक्तियों के परिजनों को 10 लाख रुपये देने तथा परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देने की भी राज्य सरकार से मांग की है.