नयी दिल्ली: कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए विपक्षी उम्मीदवार के पक्ष में अभियान चलाया, लेकिन दोनों ही दल गुरुवार को मतदान के दौरान अपने सभी सदस्यों की सदन में उपस्थिति सुनिश्चित नहीं कर पाये. भाजपा की अगुवाई वालेएनडीए के सभी सदस्य सदन में मौजूद थे. कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के दो-दो सदस्य अनुपस्थित थे.
द्रमुक के दो सदस्य भी सदन में मौजूद नहीं थे. 244 सदस्यीय सदन में मतदान में 232 सदस्यों ने हिस्सा लिया.एनडीए प्रत्याशी हरिवंश को 125 वोट मिले और विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद को 105 वोट मिले. वाइएसआर कांग्रेस पार्टी के दो सदस्यों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया.
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राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि उच्च सदन में पीडीपी के दो सदस्य और आम आदमी पार्टी (आप) के तीन सदस्य हैं, लेकिन उन्होंने मतदान में हिस्सा नहीं लिया. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक के दो-दो सदस्य सदन में अनुपस्थित थे. सपा का एक सदस्य अनुपस्थित था. बीजद और टीआरएस ने एनडीए उम्मीदवार का समर्थन किया.
मतविभाजन के बाद हरिवंश को उच्च सदन का उपसभापति घोषित किया गया. उन्हें विपक्ष की ओर से कांग्रेस के उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद को मिले 105 मतों के मुकाबले 125 मत मिले. सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन के पटल पर आवश्यक दस्तावेज रखवाने के बाद उपसभापति पद की चुनाव प्रक्रिया शुरू करवायी.
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मतदान में दो सदस्यों ने हिस्सा नहीं लिया. सदन में कुल 232 सदस्य मौजूद थे. हरिवंश के पक्ष में जदयू के आरसीपी सिंह, भाजपा के अमित शाह, शिव सेना के संजय राउत और अकाली दल के सुखदेव सिंह ढींढसा ने प्रस्ताव किया. वहीं, हरिप्रसाद के लिए बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, राजद की मीसा भारती, कांग्रेस के भुवनेश्वर कालिता, सपा के रामगोपाल यादव और राकांपा की वंदना चव्हाण ने प्रस्ताव पेश किया. इन प्रस्तावों पर मतविभाजन के बाद सभापति नायडू ने हरिवंश को उपसभापति निर्वाचित घोषित किया.