नयी दिल्ली : भारतीय नागरिकों द्वारा विदेशों में छुपाये गये काले धन की जांच के लिए गठित उच्चस्तरीय विशेष जांच दल (एसआइटी) की सोमवार को पहली बैठक हुई. इस दौरान आगे उठाये जाने वाले कदमों की रूपरेखा पर विचार-विमर्श किया गया.
साथ ही प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआइ व अन्य वित्तीय जांच एजेंसियों से उनके समक्ष लंबित काले धन और मनी लांड्रिंग मामलों की संख्या व जांच में हुई प्रगति के बारे में जानकारी मांगी गयी. एसआइटी ने काले धन से जुड़े कुछ मामलों के निबटान में तेजी लाने और उसकी समीक्षा करने का निर्णय किया. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी संक्षिप्त बयान में कहा गया कि बैठक में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत आगे की कार्रवाई के तौर-तरीकों पर चर्चा की गयी. साथ ही आगे की वृहद योजना पर निर्णय लिया गया. एसआइटी की अगली बैठक शीघ्र होगी, जिसमें आज लिए गये निर्णयों पर चर्चा होगी.
* कौन-कौन हुए शामिल
चेयरमैन न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एमबी शाह, वाइस चेयरमैन न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरिजीत पसायत और खुफिया ब्यूरो, रिसर्च एवं एनालिसिस विंग (रॉ), सीबीआइ तथा प्रतर्वन निदेशालय जैसी 11 जांच एजेंसियों और विभागों के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया.