नयी दिल्ली : जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी यानी जेएनयू में दो साल पहले अफजल गुरु की बरसी पर हुए हंगामे के मामले में छात्र उमर खालिद के निष्कासन और कन्हैया कुमार पर जुर्माने की सजा यूनिवर्सिटी की हाई लेवल कमिटी ने बरकरार रखा. यहां चर्चा कर दें कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ यूनिवर्सिटी परिसर में एक कार्यक्रम के आयोजन के मामले में पैनल ने 2016 में खालिद और दो अन्य छात्रों के निष्कासन के आदेश दिये थे और छात्रसंघ के तत्कालीन अध्यक्ष कन्हैया पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया था. इस कार्यक्रम में कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी नारेबाजी की गयी थी जिसके बाद पूरे देश की राजनीति गरम हो गयी थी.
जेएनयू छात्र उमर खालिद को मिली जान से मारने धमकी
हालांकि खालिद ने कमिटी के निर्णय का विरोध किया है. यही नहीं उसने इसे मानने से साफ तौर पर इनकार कर दिया है. खालिद ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. गौर हो कि पांच सदस्यीय पैनल ने अनुशासनात्मक नियमों के उल्लंघन के लिए 13 अन्य छात्रों पर जुर्माना भी लगाया था जिसके बाद छात्रों ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था.
एक बार फिर विवादों में जेएनयू, हंगामे के वीडियो वायरल
कोर्ट ने यूनिवर्सिटी पैनल के फैसले की समीक्षा के लिए मामला अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष रखने का निर्देश दिया था. सूत्रों के अनुसार खालिद और कन्हैया के मामले में पैनल ने अपना फैसला नहीं बदला है. सूत्रों ने जानकारी दी है कि कुछ छात्रों की जुर्माना राशि कम करने का काम किया गया है. यदि आपको याद हो तो विवादास्पद कार्यक्रम के मामले में देशद्रोह के आरोपों पर फरवरी 2016 में कन्हैया , खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को गिरफ्तार किया गया था. वर्तमान में सभी जमानत पर हैं.