नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने दिसंबर, 2012 के सनसनीखेज सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड में मौत की सजा पाये मुजरिमों में से दो दोषियों की पुनर्विचार याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई पूरी कर ली. न्यायालय इन पर अपना फैसला बाद में सुनायेगा.
इस मामले में दोषी विनय शर्मा और पवन गुप्ता ने न्यायालय से उनकी मौत की सजा बरकरार रखने संबंधी मई 2017 के फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया है. शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में 23 वर्षीय छात्रा से सामूहिक बलात्कार करने और उसकी हत्या के जुर्म में चार दोषियों मुकेश, पवन, विनय शर्मा और अक्षम कुमार सिंह को मौत की सजा सुनाने के फैसले को बरकरार रखा था. इन मुजरिमों को निचली अदालत ने मौत की सजा सुनायी थी और दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में इसकी पुष्टि की थी. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने मौत की सजा पानेवाले दोषियों में से पवन और विनय की ओर से पेश दलीलें सुनीं.
पीठ ने दिल्ली पुलिस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा और दो दोषियों के वकील एपी सिंह से कहा कि वे अगले मंगलवार तक अपनी लिखित दलीलें दाखिल करें. पीठ ने इससे पहले एक अन्य दोषी मुकेश की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली थी, जबकि अक्षय की ओर से पुनर्विचार याचिका अभी दायर होनी है. दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 16-17 दिसंबर, 2012 की रात 23 वषीय छात्रा से सामूहिक बलात्कार करने के बाद उसकी बुरी तरह से पिटाई कर उसे निर्वस्त्र अवस्था में बस से बाहर फेंकने की घटना हुई थी. इस युवती का बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में निधन हो गया था. इस बर्बरता पूर्ण अपराध में शामिल एक अन्य आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में एक अन्य दोषी नाबालिग था जो तीन साल की सजा पूरी करने के बाद सुधार गृह से बाहर आ गया है.