नयी दिल्ली : भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने एेलान किया है कि वह केंद्र की मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ वह चुनाव का सामना करने जा रहे गुजरात जैसे राज्यों में विरोध प्रदर्शन करेगा. इसके साथ ही, वह सरकार की किसान विरोधी नीतियों की पाेल खोलने के लिए आगामी 13 मार्च 2018 को दिल्ली में महापंचायत का आयोजन भी करेगा. इस एक दिन के कार्यक्रम में देश भर के किसान भाग लेंगे. इस कार्यक्रम में खेती के सामने की चुनौतियों के बारे में बताया जायेगा.
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बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि हम गुजरात जैसे राज्य में विरोध-प्रदर्शन करेंगे, जहां चुनाव होने जा रहा है. हम उन राज्यों के किसानों को सरकार की किसान विरोधी नीतियों के बारे में बतायेंगे. उन्होंने कहा कि किसान संकट में हैं और वे आत्महत्या कर रहे हैं, क्योंकि उनको अपने उत्पादों की अच्छी कीमत नहीं मिल रही है. हिमाचल प्रदेश में कुछेक दिनों के भीतर ही चुनाव होंगे, जबकि गुजरात में अगले माह चुनाव होंगे. वर्ष 2018 में छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, राजस्थान और त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव होंगे.
अपनी अन्य मांगों में टिकैत ने कहा कि सरकार को ऋण माफी के बारे में विचार करना चाहिए, स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करना चाहिए और जीन स्तर पर संवर्धित फसलों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को सभी कृषि जिंसों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करना चाहिए तथा उसकी खरीद को सुनिश्चित करना चाहिए.
उन्होंने दीर्घावधिक कृषि ऋण और पांच वर्षो के लिए शून्य ब्याज दर पर ऋण दिये जाने के साथ साथ कई अन्य मांगें भी की. बीकेयू ने आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को सहायता देने की एक नीति लाये जाने की भी मांग की और किसानों की न्यूनतम आय को तय किये जाने की मांग की.