नयी दिल्ली : कथित गौरक्षकों की हिंसा के मामलों से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अहम सुनवाई की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जो लोग गौरक्षा के नाम पर हिंसा में शामिल हैं, उनको कानून के शिकंजे में लाने की आवश्यकता है. पहलू खान की हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आगे यह भी कहा कि ऐसे मामलों में पीड़ितों को मुआवजा दिये जाने की भी आवश्यकता है.
कोर्ट ने कहा कि सभी राज्यों की जिम्मेदारी है कि वे गौरक्षा के नाम पर हुई हिंसा के पीड़ितों को मुआवाजा देने का काम करें. कोर्ट ने गुजरात, राजस्थान, झारखंड, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश को आदेश जारी करते हुए कहा कि वे अपनी कंप्लायंस रिपोर्ट दाखिल करें. इन राज्यों ने अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है. वहीं, अन्य राज्यों को जल्द से जल्द रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश कोर्ट ने दिये हैं.
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अब इस मामले में अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी. गौर हो कि इस साल अप्रैल में कथित गौरक्षकों ने पहलू खान को पीटकर मौत के घाट उतार दिया था. वह अपने बेटों के साथ मवेशियों को हरियाणा के नूह से राजस्थान के जयपुर ले जा रहे था. हाल में ही राजस्थान पुलिस ने पहलू खान की हत्या के मामले में 6 आरोपियों को क्लीनचिट दे दिया था जबकि आरोपियों की पहचान मौत से पहले खुद पहलू खान ने की थी.
यहां उल्लेख कर दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर की शुरुआत में सभी राज्यों से कहा था कि वे गौरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा को काबू करने के पर्याप्त कदम उठाएं और अपनी कंप्लायंस रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करें. कोर्ट ने आदेश दिया था कि इन मामलों से निपटने के लिए हर जिले में एक सीनियर पुलिस अधिकारी तैनात करने की जरूरत है.