मुंबई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन की आधारशिला रखने के बाद इसके खर्च के बारे में समझाया. उन्होंने कहा कि 1.10 लाख करोड़ रुपये की बुलेट ट्रेन देश को एक तरह से मुफ्त में मिल रही है. मोदी ने कहा कि जब भी कोई चीज खरीदने जाते हैं, तो हम गुजराती खास तौर पर अहमदाबाद के लोग एक-एक पैसे का हिसाब लगाते हैं, मोल-तोल करते हैं. पीएम मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने कटाक्ष किया है.
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शिवसेना ने सुरक्षित एवं स्वच्छ यात्रा का सूत्र जापान से सीखने की सलाह देते हुए ऐसे समय में बुलेट ट्रेन परियोजना की व्यवहार्यता पर शुक्रवार को सवाल उठाया जब ट्रेनों के पटरी से उतरने की मैराथन जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे ने अहमदाबाद और मुंबई के बीच भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना का गुरुवार को शिलान्यास किया था. यह ट्रेन तीन घंटे से भी कम समय में 500 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी.
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शिवसेना ने ऐसे समय में इस परियोजना की व्यवहार्यता पर आशंका जतायी है जब देश में हाल में कई रेल दुर्घटनाएं हुई हैं. पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा, किसी को इस बात पर शक नहीं है कि यह भारतीय रेल की ओर से लापरवाही का सबसे शर्मनाक समय है. आजकल, बमुश्किल ही कोई ऐसा दिन गुजरता है जब कोई ट्रेन पटरी से नहीं उतरती. ऐसा लगता है जैसे ट्रेनों के बीच पटरी से उतरने की प्रतिस्पर्धा चल रही है. केंद्र एवं महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने कहा, यहां तक कि रेल विभाग की सबसे प्रतिष्ठित ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस भी पीछे नहीं रही। यह राष्ट्रीय राजधानी के निकट पटरी से उतर गयी. देश के सबसे सुरक्षित रेल खंड में भारतीय रेलवे की सबसे प्रतिष्ठित रेल का पटरी से उतरना क्या गंभीर बात नहीं है?
संपादकीय में कहा गया है कि जापान में वर्ष 1964 से 500 से 600 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बुलेट ट्रेन चल रही है. गति महत्वपूर्ण नहीं है लेकिन देखने वाली बात यह है कि इतनी तीव्र गति के बावजूद कभी कोई रेल हादसा नहीं हुआ. पार्टी ने कहा, यह जानना महत्वपूर्ण है कि जापान में बुलेट ट्रेन की सफाई सात मिनट के अंदर हो जाती है और ट्रेन की यात्रा में एक भी मिनट की देरी की जांच होती है. जापान की तुलना में यहां ट्रेनें रेंगती हैं और ट्रेनों के पटरी से उतरने की मैराथन के बावजूद कोई जवाबदेही तय नहीं है.
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शिवसेना ने कहा, हम रेल यात्रा में 100 प्रतिशत सुरक्षा सुनिश्चित करने की कला जापान से क्यों नहीं सीख सकते? क्या हम सुरक्षित एवं स्वच्छ यात्रा का उनका सूत्र नहीं सीख सकते? यदि भारत ने जापान से सुरक्षित रेल यात्रा की तकनीक सीखी होती तो देश को ज्यादा खुशी होती. इसमें कहा गया है कि यदि सरकार ने जापान ने रेल संचालन के गुर सीखे होते तो यात्री स्वयं को अधिक सुरक्षित महसूस करते. शिवसेना ने बुलेट ट्रेन परियोजना की आलोचना करते हुए गुरुवार को कहा था कि यह परियोजना आम आदमी का नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है. शिवसेना ने यह भी जानना चाहा था कि क्या उच्च गति वाली अहमदाबाद-मुंबई ट्रेन परियोजना की वास्तव में देश को आवश्यकता है? उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राजधानी में कल जम्मू तवी-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस का एक डिब्बा नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पटरी से उतर गया था. इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ था.
इससे पहले सात सितंबर को जबलपुर जा रही शक्तिपुंज एक्सप्रेस के सात डिब्बे उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में पटरी से उतर गये थे. उसी दिन दिल्ली में मिंटो ब्रिज के पास रांची-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस का इंजन और पावर कार पटरी से उतर गये थे. इस घटना में एक व्यक्ति घायल हो गया था. इसी दिन महाराष्ट्र के खंडाला में एक मालगाडी के दो डिब्बे पटरी से उतर गये थे.