नयी दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने अन्नाद्रमुक नेता शशिकला को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के जुर्म में दोषी ठहराने और इसके लिए चार साल की सजा सुनाने वाले फैसले पर पुनर्विचार की उनकी याचिका खारिज कर दिया है. शीर्ष अदालत ने खुले न्यायालय में उसकी पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करने का अनुरोध भी ठुकरा दिया. न्यायमूर्ति एसए बोबडे और न्यायमूर्ति अमिताव राय की पीठ ने कहा कि हमें न्यायालय के फैसले में कोई त्रुटि नहीं मिली है, जिसके लिए इस पर पुनवर्चिार किया जाये. इसलिए पुनर्विचार याचिकाएं खारिज की जाती हैं.
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शशिकला और अन्य दोषियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने लिखित दलीलें दीं थीं, जिन्हें शीर्ष अदालत ने रिकाॅर्ड पर लिया. अदालत ने पुनर्विचार याचिकाओं का अवलोकन करने के बाद उन्हें खारिज कर दिया. शशिकला के अलावा दो अन्य दोषियों तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के दत्तक पुत्र वीएन सुधाकरण और शशिकला के बड़े भाई की विधवा इलावारसी ने उन्हें दोषी ठहराने के निचली अदालत के फैसले को बहाल करने के फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया था. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले को निरस्त कर दिया था.
इस मामले में तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री स्व जयललिता भी आरोपी थी, लेकिन पिछले साल पांच दिसंबर को उनका निधन हो गया था. शीर्ष अदालत ने 14 फरवरी को अन्नाद्रमुक नेता शशिकला और दो अन्य को दोषी ठहराया था. इसके साथ ही, शशिकला की राज्य का मुख्यमंत्री बनने की उम्मीदें खत्म हो गयी थी.
अन्नाद्रमुक सुप्रीमो स्व जयललिता के साथ मिलकर साजिश रचने के अपराध की दोषी ठहराये जाने के कारण शशिकला चार साल की जेल की सजा भुगतने के बाद भी अगले छह साल तक चुनावी राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं.