स्वास्थ्य संस्थानों को किया गया अलर्ट, आवश्यक दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने का दिया निर्देश वायरल फीवर व सर्दी-जुकाम के मरीजों की संख्या में हो रहा इजाफा मधुबनी . सितंबर माह में भीषण गर्मी की सितम से जनमानस परेशान हैं. गर्मी का आलम यह है कि पारा 33 डिग्री सेल्सियस को पार कर 36.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया. इसके कारण जनजीवन काफी प्रभावित हो रहा है. उमस भरी गर्मी के कारण सड़कों पर आवाजाही भी कम हो गया है. वहीं मौसम में परिवर्तन होने से वायरल फीवर व सर्दी-जुकाम के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रहा है. सोमवार को सदर अस्पताल के ओपीडी में 650 से अधिक मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. इसमें सबसे अधिक मरीज सर्दी, खांसी, बुखार व पेट दर्द के मरीज सबसे अधिक शामिल थे. मौसम वेधशाला पूसा से प्राप्त जानकारी अनुसार मानसून कमजोर होने के कारण आने वाले 2-3 दिनों में अच्छी बारिश के आसार नहीं है. मौसम वेधशाला पूसा के वरीय वैज्ञानिक सह नोडल पदाधिकारी डा. ए सत्तार की मानें तो 1-3 सितंबर तक आसमान में हल्के से मध्यम बादल छाया रहेगा. इस अवधि में मानसून कमजोर होने के कारण आने वाले 2- 3 दिनों में अच्छी बारिश के आसार भी नहीं है इसके साथ ही इस अवधि में अधिकतम तापमान 33-35 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है. जबकि न्यूनतम तापमान 27-29 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है. वहीं 10-12 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पुरबा हवा चलने का अनुमान है. अलर्ट मोड में स्वास्थ्य संस्थान अत्यधिक गर्मी एवं इससे उत्पन्न लू से आमजनों को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. विशेषकर छोटे बच्चों, स्कूली बच्चों, बुजुर्ग, गर्भवती एवं धात्री माताओं तथा विभिन्न कार्य के लिए घर से बाहर निकलने वाले व्यक्तियों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो रही है. सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार के निर्देश पर भीषण गर्मी एवं लू से बचाव व इससे उत्पन्न विभिन्न प्रकार की स्वास्थ संबंधी बीमारियों के चिकित्सकीय उपचार एवं प्रबंधन के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यक तैयारी की गई है. सदर अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य संस्थानों में भीषण गर्मी एवं लू से प्रभावित व्यक्तियों की अहर्निश रूप से समुचित चिकित्सीय उपचार एवं प्रबंधन के लिए विशेष कार्य योजना तैयार किया गया है. सभी सरकारी अस्पतालों में एंटी डायरियल मेडिसिन, आइबी फ्लूड ओआरएस एवं इससे संबंधित अन्य आवश्यक औषधियों व मेडिकल डिवाइस एवं कंज्यूमेबल पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित की गई है. लू से प्रभावित व्यक्तियों का हर्ट रेट, रिस्पायरेट्री रेट, ब्लड प्रेशर, रेक्टल टेंपरेचर एवं मेंटल स्टेट का लगातार निगरानी का निर्देश दिया है. लू से ग्रसित गंभीर मरीजों का कंपलीट ब्लड काउंट, इलेक्ट्रोलाइ, ईसीजी, अदर मेटाबॉलिक एब्नार्मेलिटीज, लिवर फंक्शन टेस्ट एवं किडनी फंक्शन टेस्ट कराने की व्यवस्था की गई है. सभी सरकारी अस्पतालों में गर्मी एवं लू के चिकित्सकीय प्रबंधन के लिए डेडीकेटेड वार्ड में समुचित संख्या में बेड की व्यवस्था की गई है. संबंधित अस्पताल में उपस्थित होकर मरीज की देखभाल कर सकें. . ओपीडी में 693 मरीजों का रजिस्ट्रेशन उमस भरी गर्मी के कारण थोड़ी सी भी चुक लोगों को परेशान कर रही है. वर्तमान में वायरल बुखार सर्वाधिक परेशानी का सबब बना हुआ है. बताया जाता है कि वायरल बुखार की चपेट में आने से कम से कम तीन दिनों तक मरीज को परेशानी होती है. इधर डॉक्टरों की मानें तो अभी के समय में लोगों के बीमार होने पर बुखार के अलावा कमजोरी, सर दर्द की सर्वाधिक शिकायतें होती है. खासकर अभी लोग बीमार पड़ने पर काफी कमजोर हो जाते हैं. सोमवार को सदर अस्पताल ओपीडी में 693 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. इसमें सबसे अधिक मेल मेडिकल ओपीडी में 255 मरीजों का इलाज किया गया. वायरल बुखार होने पर दूसरे व्यक्तियों के बीमार होने की संभावना सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. प्रभात कुमार झा ने कहा कि परिवार में एक व्यक्ति के बीमार होने के बाद वायरल बुखार दूसरे लोगों को भी अपनी चपेट में ले लेता है. ऐसे में लोगों को और भी विशेष रूप से सतर्क रहने की जरूरत है. ताकि बीमार न हों. खांसी आदि के बाद वायरस के संक्रमण आने की प्रबल संभावना रहती है. ऐसे पहचाने लू के लक्ष्ण तेज सिर दर्द का होना, उल्टी या जी मचलाना, बुखार का होना, त्वचा का लाल, गर्म एवं सूखा होना( पसीना नहीं चलना), बेहोशी या चक्कर आना, घबराहट या संशय का बढ़ जाना,अत्यधिक आलस या सुस्ती का होना
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