लखीसराय. चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा अर्चना की गयी. मां की पूजा से मनोकामना पूरी होती है. कुष्मांडा की पूजा उड़हुल के पीले फूल, तुलसी के पते एवं फल का भोग लगाया गया. शहर के विद्यापीठ चौक, थाना चौक, छोटी दुर्गा स्थान, पचना रोड, पंजाबी मोहल्ला, दालपट्टी, बाजार समिति एवं कवैया थाना के सामने पूरे दिन दुर्गा चालीसा का मंत्रोच्चारण होते रहा. जिससे कि लोग भक्ति के रस में डूब रहे चौथे दिन पूजा अर्चना को लेकर भी भक्तों की भीड़ लगी रही. भक्त अपने अपने रिवाज के अनुसार भी घर पर कलश स्थापना कर पूजा अर्चना करते है. कोई पंडित के मंत्रोच्चारण तो खुद दुर्गा पाठ करते है. किऊल रेलवे इंस्टीट्यूट में स्थापित दुर्गा मंदिर में बंगाली पद्धति से पूजा अर्चना की जाती है. सप्तमी से बंगाली पद्धति से किऊल रेलवे इंस्टीट्यूट में शुरू होती है. —– दुर्गा पूजा को लेकर तैयारी जोरों पर, बन रहा आकर्षक पंडाल पीरीबाजार. घोसैठ में आयोजित दुर्गा पूजा को लेकर तैयारी जोरों पर है. भव्य पंडाल के साथ भव्य तोरण द्वार का निर्माण किया जा रहा है. इस वर्ष कारीगरों द्वारा बेहद खूबसूरत पंडाल बनाने का काम जारी है. नये लूक में बन रहे पंडाल आकर्षण का केंद्र बिंदु होगा. जबकि मुख्य मंदिर के अंदर मूर्तिकार अपने काम में लगे हैं. पूजा को यादगार बनाने के लिए जोर-शोर से तैयारी की जा रही है. जिसके लिए आयोजन समिति के सभी सदस्य तत्पर है. अवस्थित दुर्गा पूजा के दौरान क्षेत्र के लोगों के अलावा दूर-दराज से भी श्रद्धालु काफी संख्या में यहां पर जुटते हैं. यहां का दुर्गा पूजा का आयोजन कई मायनों में खास महत्व रखता है. रेलवे स्टेशन तथा मुख्य बजार होने के कारण यहां काफी भीड़ जुटती है. हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं द्वारा पूजा अर्चना किया जाता है. वहीं आचार्य रोहित पांडेय (घोसैठ) ने बताया कि माता दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप मां कुष्मांडा देवी की श्रद्धा एवं भक्ति भाव से पूजा-अर्चना की गयी. भक्तों ने विधि-विधान से देवी का पूजन कर सुख-समृद्धि और आरोग्य की कामना की. इसके पश्चात पंचमी तिथि पर मां स्कंदमाता की पूजा 27 सितंबर और महा अष्टमी की व्रत 30 सितंबर मंगलवार को मनाया जायेगा. —– शरदीय नवरात्र : मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा के हुई पूजा सूर्यगढ़ा. नवरात्र के चौथे दिन गुरुवार को आदि शक्ति देवी दुर्गा के चौथे स्वरूप की पूजा-अर्चना की गयी. पूजा पंडालों में दुर्गा सप्तशती का पाठ, माता की आरती, भजन आदि से चहुंओर भक्ति की मंदाकिनी बहती रही. बड़ी दुर्गा मंदिर सूर्यगढ़ा, शिव दुर्गा महावीर मंदिर सूर्यगढ़ा सहित विभिन्न पूजा पंडालों में दुर्गोत्सव में गुरुवार को बड़ी संख्या में भक्त मंदिर पहुंचे. माता के चौथे स्वरूप की पूजा-अर्चना करने वालों में महिलाओं की संख्या अधिक थी. पूजा-अर्चना और आरती के बाद भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया. इसके साथ ही नवरात्र का व्रत रखने वाले श्रद्धालु अपने घरों में माता का कलश स्थापित कर सुबह-शाम मां दुर्गा के की पूजा-अर्चना कर रहे हैं.
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