संवाददाता, कोलकाता
अयोग्य शिक्षकों की सूची जारी होने के बाद भी नौकरी गंवाने वालों का एक वर्ग फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाने जा रहा है. इनके वकील फिरदौस शमीम अब एसएससी द्वारा जारी अयोग्य शिक्षकों की सूची के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का ध्यान आकर्षित करेंगे. अधिवक्ता का दावा है कि यह सूची पूरी नहीं है. इनके अलावा भी कई अयोग्य उम्मीदवार हैं. स्कूल सेवा आयोग ने पहले सुप्रीम कोर्ट में पहचाने गये अयोग्य उम्मीदवारों की संख्या बतायी थी. वकील फिरदौस शमीम का दावा है कि जिन लोगों को मियाद खत्म हो चुके पैनल से नौकरी मिली है, वे भी अवैध हैं. पैनल का कार्यकाल एक वर्ष का होता है, इसलिए तीसरी काउंसलिंग से पूरी प्रक्रिया अवैध है. उन्होंने कहा कि कई और नामों को बाहर रखा जाना चाहिए. शमीम के अनुसार, अतिरिक्त नियुक्तियों वालों की कोई सूची नहीं है. उनका दावा है कि एसएससी ने 11,610 लोगों के नामों की सिफारिश की थी, और 12,964 लोगों को नियुक्त किया गया था.
यह भी आरोप है कि 2016 की भर्ती में कई ऐसे लोगों को नियुक्ति पत्र मिल गये जो पैनल में नहीं थे या जिनकी सिफारिश नहीं की गयी थी. बेरोजगारों का एक वर्ग मांग करेगा कि उनके (अपात्र) नाम जल्द से जल्द प्रकाशित किये जायें. लेकिन आयोग उन बेरोजगारों को अपात्र सूची में शामिल करने से हिचकिचा रहा है.
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