केरेडारी. केरेडारी प्रखंड के कंडाबेर गांव स्थित मां अष्टभुजी मंदिर में शारदीय नवरात्रि के अवसर पर विशेष अनुष्ठान हो रहा है. श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर पुनः मंदिर आकर माता की पूजा-अर्चना करते हैं. यहां हजारीबाग, चतरा, रामगढ़, कोडरमा, रांची, पलामू समेत कई जिलों से लोग पहुंचते हैं. पुजारी उमेश पाठक के अनुसार, पूजा के दौरान माता के सिर से फूल गिरने पर मनोकामना पूर्ण होती है. इस वर्ष 108 श्रद्धालुओं ने अखंड ज्योत प्रज्वलित कर पूजा की शुरुआत की, जो नवमी की रात तक लगातार जलती रहेगी. मंदिर का इतिहास 1930 से जुड़ा है, जब मुख्य पुजारी कालीचरण पाठक ने गर्भगृह में कलश स्थापित कर पूजा प्रारंभ की थी. मंदिर परिसर में कंडाबेर पंचायत के मुखिया दिनेश साव एवं अन्य सहयोगियों द्वारा प्रतिदिन सुबह-शाम भव्य भंडारा आयोजित किया जा रहा है, जिसमें प्रतिदिन 1000–1500 लोग भोजन करते हैं. भंडारा के व्यवस्थापक महेश पाठक, राजेश साव, अशोक बंटी राज, हरि साव, कुलदीप साव, रामकुमार साव समेत कई सदस्य आयोजन को सफल बनाने में सक्रिय हैं. सहयोगी पुजारी महेश पाठक ने बताया कि इस बार पूरे दस दिन तक मां की आराधना की जायेगी और पूजा दो अक्तूबर तक चलेगी.
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