जैनियों के सुप्रसिद्ध महातीर्थ सम्मेद शिखर की पावनधरा पर बसे 20 तीर्थकरों की निर्वाण स्थली पारसनाथ पर्वत पर रविवार को भाद्रपद शुक्ल पक्ष अष्टमी पर नौवें तीर्थंकर देवाधिदेव 1008 श्री पुष्पदंत स्वामी जी का मोक्ष कल्याणक महोत्सव पूरे नियमानुसार मनाया गया. ततपश्चात निर्वाण लाड्डू समर्पित भी किया गया. सर्वप्रथम पर्वत पर बने टोंक व परिसर की साफ-सफाई कर टोंक में विराजमान प्रभुजी के चरणपादुका का जल व पंचामृत से प्रक्षालित कर पूजा अर्चना करते हुए टोक की वंदना की गई. सांस्कृतिक कार्यक्रम करते हुए निर्वाण लड्डू चढ़ाया गया. ततपश्चात चरणपादुका की आरती उतारी गई. वहीं जैन धर्म के सबसे बड़े व महान दस दिवसीय पर्व के चौथे दिन दशलक्षण पर्व के उत्तम शौच धर्म पर पूजा-अर्चना और यथासंभव त्याग कर पुण्य अर्जित भी करवाया गया. मौके पर सैकड़ों श्रावक व श्राविका उपस्थित थे.
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