सीवान. जिला यक्ष्मा केंद्र में गुरुवार की सुबह मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. सुबह नौ बजे से 11 बजे तक ओपीडी में मरीज भटकते रहे. स्वास्थ्यकर्मी मरीजों की पर्ची और जांच रिपोर्ट डॉक्टर के टेबल पर रखवा कर इंतजार करने को कह रहे थे, लेकिन यह जानकारी किसी को नहीं दी गई कि नियमित रूप से टीबी मरीजों को देखने वाले डॉक्टर सुरेंद्र कुमार की इमरजेंसी ड्यूटी आपात कक्ष में लगा दी गयी है. लगभग 11 बजे संचारी रोग पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार क्षेत्र में चल रहे कार्यक्रम का निरीक्षण कर जब जिला यक्ष्मा केंद्र पहुंचे तो उन्होंने देखा कि तीन दर्जन से अधिक मरीज इलाज के इंतजार में बैठे हैं. उन्होंने तत्काल ओपीडी कक्ष में बैठकर मरीजों को देखना शुरू किया और करीब दो बजे तक लगातार मरीजों का इलाज करते रहे.
मरीजों को असुविधा :
नियमित डॉक्टर की अनुपस्थिति से पुराने टीबी मरीजों को दिक्कत हुई. कुछ मरीज अपनी जांच रिपोर्ट दिखाना चाहते थे, तो कुछ दवा खाने के बाद हो रही समस्या बताना चाहते थे. मरीजों का कहना था कि नियमित डॉक्टर को उनके स्वास्थ्य संबंधी पूर्व की जानकारी रहती है, जबकि नये डॉक्टर को शुरुआत से समझाना पड़ता है. इससे समय और परेशानी दोनों बढ़ जाती है.जानकारी के अनुसार जिले में इस समय करीब 150 एमडीआर और लगभग 4500 प्राइमरी टीबी मरीज इलाजरत हैं. प्रतिदिन लगभग 50 मरीज जिला यक्ष्मा केंद्र की ओपीडी में पहुंचते हैं, जिनमें से करीब 20 मरीज गंभीर स्थिति वाले होते हैं. गुरुवार को नियमित डॉक्टर की ड्यूटी बदलने से इन मरीजों को अतिरिक्त परेशानी उठानी पड़ी. वहीं सीडीओ डॉ अशोक कुमार ने बतया कि गुरुवार के लिए टीबी मरीजों को देखने की कोई अलग व्यवस्था नहीं की गयी थी. फील्ड से लौटने के बाद मरीजों की भीड़ देखी और उनका इलाज किया. सिविल सर्जन महोदय को स्थिति से अवगत करा दिया गया है.
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