संवाददाता, कोलकाता
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद कल्याण बंद्योपाध्याय एक बार फिर अपनी ही पार्टी की महिला सांसदों को कठघरे में खड़ा किया है. कुछ दिन पहले ही कृष्णनगर की सांसद महुआ मोइत्रा और उनके बीच द्वंद खुलेआम सामने आया था, तब श्रीरामपुर में ही उन्होंने बयान दिया था कि महिला विरोधी अगर कोई है, तो वह महुआ मोइत्रा हैं. उस विवाद के कारण उन्हें लोकसभा के चीफ ह्वीप पद से इस्तीफा देना पड़ा था. उनकी जगह पार्टी ने काकोली घोष दस्तीदार को चीफ ह्विप और शताब्दी राय को संसद में पार्टी की उपनेता नियुक्त कर साफ संदेश दिया था कि महिलाओं को प्राथमिकता दी जायेगी.
कल्याण ने उस समय कह दिया था कि उनके सुप्रीम कोर्ट में कई मामले लंबित हैं और वह अब उन्हीं पर ध्यान देना चाहते हैं, लेकिन कुछ दिनों की चुप्पी के बाद रविवार को श्रीरामपुर में फिर से उन्होंने महिला सांसदों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा- रमेश बिधुड़ी ने महुआ के बारे में जो अपशब्द कहा था, वह कतई स्वीकार्य नहीं है. महुआ सही हैं या गलत, इस पर मैं कुछ नहीं कहूंगा, लेकिन बिधुड़ी की भाषा कभी स्वीकार नहीं की जा सकती. ठीक उसी समय संसद में राजीव प्रताप रूड़ी ने मुझे धमकी दी थी, वहां पार्टी की उपनेता शताब्दी राय मौजूद थीं, लेकिन उन्होंने भी कुछ नहीं कहा. महुआ से तो बोलने की उम्मीद ही नहीं थी. सवाल यह है कि उस दिन रूड़ी ने जो कहा, उस पर प्रतिक्रिया क्यों नहीं हुई?
कल्याण ने आगे कहा- जब मुझ पर हमला किया गया, तब तृणमूल की महिला सांसद चुप बैठी रहीं. बीजेपी हमला कर रही थी, लेकिन महिला सांसदों ने समर्थन नहीं किया. उस समय समाजवादी पार्टी के सांसदों ने मेरा समर्थन किया. दीदी और अभिषेक तक तो बहुत-सी बातें फिल्टर होकर ही पहुंचती हैं. सारी बातें उन तक जाती भी नहीं हैं, लेकिन पार्टी की उपनेता कैसे खामोश खड़ी रह सकती हैं, जब उनकी ही पार्टी के एक सांसद को राजीव प्रताप रूड़ी धमका रहे थे? मैं जब चीफ ह्विप था, तब भी अगर कोई हमारे सांसद को धमकाने आता था, तो मैंने साफ कह दिया था, जुबान खींच लूंगा.
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