– सुप्रीम कोर्ट ने अस्पताल, स्कूल व रेलवे स्टेशनों से आवारा कुत्तों को हटाने दिया है आदेश- मुंगेर में आवारा कुत्तों का बढ़ रहा आतंक, शहर में कचरोें का अंबार आवारा पशुओं को दे रहा आमंत्रण
मुंगेरसुप्रीम कोर्ट ने भले ही तीन दिन पहले सड़कों पर घूम रहे आवारा कुत्तों व जानवरों को लेकर बड़ा फैसाला सुनाते हुये इसे सरकारी व गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों, अस्पतालों, रेलवे स्टेशन तथा बस स्टैंड से हटाने का आदेश दिया है, लेकिन मुंगेर शहर में सड़कों पर आवारा कुत्तों का आंतक इस कदर बढ़ा है कि जनवरी से अक्तूबर के बीच 10 माह में इनके काटने से 8,381 लोग घायल हो चुके हैं. यह आंकड़ा तो केवल सदर अस्पताल में कुत्ता काटने का टीका लेने पहुंचने वाले लोगों का है. जबकि प्राइवेट व निजी अस्पतालों में इसका टीका लेने वाले के आंकड़ों को सरकारी आंकड़ों से ही समझा जा सकता है. जो मुंगेर शहर में आवारा कुत्तों के आतंक की सच्चाई बता रहा है. वहीं इससे अलग सड़कों पर फैला कचरा भी आवारा कुत्तों व जानवरों को आमंत्रण दे रहा है.
मुंगेर में बढ़ रहा आवारा कुत्तों का आतंक, 10 माह में 8,381 लोग हुये शिकार
मुंगेर जिले की सड़कों पर आवारा कुत्तों का आतंक किस कदर बढ़ा है. इसका अंदाजा केवल इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2025 के जनवरी से अक्तूबर के बीच अबतक के 10 माह में 8,381 लोग इन आवारा कुत्तों के काटने का शिकार हो चुके हैं. जिसमें मई और अक्तूबर माह में सदर अस्पताल में डॉग बाइट के सर्वाधिक लोग टीका लगवाने पहुंचे हैं. सरकारी आंकड़ों को देखें तो मई माह में जहां 926 लोग डॉग बाइट का शिकार हुये हैं. वहीं अक्तूबर माह में 929 लोग कुत्तों के काटने से घायल हो चुके हैं. जबकि जनवरी से अक्तूबर माह के बीच औसतन 800 मरीज प्रतिमाह डॉग बाइट का शिकार हो रहे हैं.
सदर अस्पताल परिसर में भी आवारा कुत्तों का जमावाड़ा
डॉग बाइट के मरीज अपना इलाज कराने सदर अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन सदर अस्पताल में भी आवारा कुत्तों का जमावड़ा लगा रहता है. आवारा कुत्ते सदर अस्पताल परिसर में खुलेआम घूमते हैं. बता दें कि दो साल पहले सदर अस्पताल के महिला वार्ड के समीप एक आवारा कुत्ते ने सदर अस्पताल के एक चिकित्सक को घायल कर दिया था. इतना ही नहीं चार माह पूर्व भी अस्पताल के बाहर भी इलाज करा कर घर जा रहे एक मरीज को सड़क पर आवारा कुत्ते ने काट लिया था.
सड़कों पर फैला कचरा दे रहा आवारा कुत्तों को आमंत्रण
वैसे तो सड़कों पर आवारा कुत्तों व जानवरों को हटाने और इनके नियंत्रण की जिम्मेदारी नगर निगम व जिला प्रशासन की है, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही और सड़कों पर फैले कचरों के कारण ही इन आवारा कुत्तों और जानवरों को आमंत्रण दे रहा है, क्योंकि सड़कों पर फैले कचरों में खाना ढूंढने की आवारा कुत्ते और जानवरों का जमावाड़ों शहर की सड़कों पर लगा रहता है. इसके अतिरिक्त अस्पताल रोड में खुले में बिक रहे मांस-मछली भी न केवल इन आवारा कुत्तों को आमंत्रण दे रहा है, बल्कि इन्हें आक्रामक व हिंसक भी बना रहा है. जिसका शिकार शहर के आमलोग हो रहे हैं. शहर के बड़ी बाजार स्टेट बैँक के सामने, गुलजार पोखर, नीलम रोड, शाहजुबैर रोड, बेकापुर आदि क्षेत्रों में बने नगर निगम के अस्थायी डंप यार्ड में पूरे दिन कचरों का अंबार लगा रहता है. जहां पूरे दिन इन आवारा कुत्तों व जानवरों का जमावाड़ा लगा रहता है.सुप्रीम कोर्ट का आदेश अस्पताल, स्कूल व रेलवे स्टेशनों से हटायें आवारा कुत्ते
मुंगेर – बता दें कि आवारा कुत्तों का आतंक केवल मुंगेर शहर में ही नहीं है, बल्कि पूरे देश में इसकी समस्या है. जिसके कारण ही सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों इन आवारा कुत्तों और जानवरों को लेकर बड़ा आदेश दिया है. जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर को आवारा कुत्तों से जुड़े मामलों में नया आदेश जारी किया. शीर्ष अदालत ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि सरकारी और निजी अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों और रेलवे स्टेशन जैसी सार्वजनिक जगहों से आवारा कुत्तों को हटाया जायें और उचित नसबंदी के बाद उन्हें निर्दिष्ट आश्रय स्थल में स्थानांतरित करें. हलांकि अब शहर में कोर्ट के आदेश पर क्या प्रशासनिक कार्रवाई होती है. यह तो अब प्रशासनिक कार्रवाई शुरू होने के बाद ही पता चल पायेगी.
10 माह में आये 8,381 लोग हुये हैं कुत्तों के काटने से घायल
माह डॉग बाइट के मामले
जनवरी 816फरवरी 786
मार्च 866अप्रैल 868
मई 926जून 692
जुलाई 806अगस्त 865
सितंबर 827अक्तूबर 929
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