दरभंगा. रक्षा बंधन के साथ ही त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है. चालू महीने से इसमें और विस्तार आ जायेगा. 22 सितंबर से दुर्गा पूजा जहां आरंभ हो रही है, वहीं इसके बाद दीपोत्सव, लोक आस्था का महापर्व छठ है, लेकिन नगर निगम और इइएसएल के सुस्त रवैया के कारण शहर की खराब लाइटों की संख्या में इजाफा ही होता जा रहा है. इसे दुरुस्त करने की दिशा में ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है, लिहाजा समस्या बढ़ती ही जा रही है. गली-मोहल्लों से लेकर मुख्य सड़कों पर लगी स्ट्रीट लाइटों में दो हजार से अधिक खराब हैं. इसमें इइएसएल व निगम स्तर से लगायी गई लाइटें शामिल हैं. अधिकांश सड़कों पर दिन के उजाले में लाइटों का जलते रहना आम है. वहीं कई ऐसी लाइटें हैं, जो अंधेरा छाने के बाद भी नहीं जलती हैं. फलत: सड़क पर अंधेरा पसरा रहता है. नगर निगम की स्थायी समिति हो या सामान्य बोर्ड की बैठक, इस मामले में पार्षदों की ओर से उठाये गये मुद्दे का निदान नहीं हो पाता है. बीते दो अगस्त को बोर्ड की बैठक में पार्षदों ने इसे लेकर हंगामा भी किया था. शिकायत के बाद भी लाइटों को दुरुस्त करने की दिशा में अभी तक उचित कदम नहीं उठाया जा सका है.
2250 लाइट खराब
इइएसएल ने शहर में 14 हजार 57 लाइट तथा 32 हाइमास्ट लगा रखा है. इसमें करीब दो हजार लाइटों के खराब रहने की बात कही जा रही है. बीते वर्ष निगम के स्तर से दो हजार लाइट लगायी गयी थी. इसमें अनुमान के अनुसार दो सौ खराब पड़ी हैं. वार्ड से लोगों एवं पार्षदों की शिकायत के महीना से 15 दिन बीतने के बाद भी स्थिति में विशेष सुधार नहीं होने की शिकायत है. ससमय खराब लाइटों को ठीक नहीं करने पर दुर्गा पूजा समितियों की ओर से पंडाल व इसके इर्द-गिर्द रोशनी की पर्याप्त प्रबंध किए जाने से उन स्थलों को छोड अन्य मार्गों में आमजन को समस्या झेलनी पड़ेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

