टीएमबीयू के पीजी गांधी विचार विभाग में चरखा संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने पर बुधवार काे शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया. मौके पर विभाग के हेड डॉ अमित रंजन सिंह ने कहा कि खादी ग्रामोद्योग को मनरेगा योजना से जोड़ने की आवश्यकता है. यह पलायन रोकने का एक अचूक अस्त्र साबित होगा. वहीं, डॉ उमेश प्रसाद नीरज ने विषय प्रवेश करते हुए महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका व भारत में किये उनके आश्रम संबंधी कार्यों की महत्ता पर विस्तार से चर्चा की. महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त आचार्य प्रो मनोज कुमार ने कहा कि चरखा ड्राइंग रूम की शोभा के लिए नहीं, बल्कि यह स्वावलंबन एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की महत्वपूर्ण कड़ी है. उदय ने कहा कि श्रम के महत्व को समझना होगा. सच्चे अर्थों में विकास तभी माना जायेगा. जब समाज का अंतिम व्यक्ति ऊपर उठेगा. डॉ मनोज मीता ने खादी ग्रामोद्योग संस्थानों की वर्तमान स्थिति के लिए सरकार एवं उसकी नीतियों को जिम्मेदार ठहराया. कार्यक्रम को प्रकाश चंद्र गुप्ता, डॉ मनोज कुमार दास व सत्येंद्र प्रकाश ने भी संबोधित किया. संचालन डॉ गौतम कुमार ने किया. इस अवसर पर जेआरएफ गौरव मिश्रा, रेणु सिंह, सोनी कुमारी, ज्योति कुमारी, वर्षा रानी, टार्जन कुमार टाइगर, जीनत सुल्ताना, सागर शर्मा, राजीव कुमार, नवनीत कुमार, अनूप कुमार, नीरज कुमार निर्मल आदि मौजूद थे.
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