सुबह में दुर्गा सप्तशती के पाठ व शाम में माता की आरती से पुलकित हो रहे श्रद्धालु
मुंगेरशारदीय नवरात्र के तीसरे दिन बुधवार को भक्ति-भाव के साथ आदिशक्ति माता जगदंबा के तृतीय स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा-आराधना की गयी़. शहर के शादीपुर स्थित बड़ी दुर्गा स्थान व शक्तिपीठ चंडिका स्थान में जहां दर्जनों श्रद्धालु दुर्गा सप्तसती के पाठ में लीन रहे, वहीं संध्याकाल में महाआरती में महिला श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. दुर्गा सप्तशती के पाठ तथा आरती के मंगल स्वरों से श्रद्धालुओं का मन पुलकित हो रहा है़.
माता के भक्ति में डूबे योग नगरी मुंगेर के लोग
नवरात्र के प्रथम दिन से ही श्रद्धालु देवी दुर्गा की आराधना में पूरी तरह लीन हो गये हैं. यूं तो अधिकांश लोग अपने-अपने घरों में ही कलश की स्थापना कर पूजा-अर्चना कर रहे हैं. किंतु सैकड़ों श्रद्धालु ऐसे भी हैं, जो बड़ी दुर्गा स्थान व विभिन्न पूजा पंडालों में ही बैठ कर दुर्गा सप्तशती का पाठ कर माता की आराधना में तल्लीन हैं. एक साथ अनेक मुखों से निकल रहे देविसुक्तम् स्त्रोत के श्लोक ””या देवि सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता, नमस्तष्ये नमस्तष्ये नमस्तष्ये नमो नम:”” से भक्तों को अनायास ही माता के दर्शन की अनुभूति होने लगती है़. वहीं संध्याकाल में आयोजित होने वाली महाआरती में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है़. एक ही स्वर में आरती, शंख व घंटे की ध्वनि से वातावरण में एक अलौकिक अनुभूति का संचार हो रहा है़. शहर के शादीपुर स्थित ही छोटी दुर्गा, बड़ी काली, छोटी काली, बाटा चौक, बेकापुर, शेरपुर, शंकरपुर, कासिम बाजार, चुआबाग, मकससपुर, रामलीला मैदान सहित दर्जनों स्थानों पर स्थापित दुर्गा मंदिरों में सुबह व शाम के वक्त भक्तों की आस्था देखते बन रही है़.
पूजा पंडाल को अंतिमरूप देने में लगे हैं कलाकार
मुंगेर में दुर्गा पूजा का अपना एक अलग ही महत्व है. शहर के दर्जनों स्थानों पर दुर्गा प्रतिमा स्थापित कर शारदीय नवरात्र के मौके पर पूजा आराधना की जा रही है. इस मौके पर विभिन्न पूजा समितियां द्वारा भाव्य व आकर्षक पंडाल भी बनाए जा रहे. बड़ी दुर्गा स्थान शादीपुर की ओर से बनाया जा रहा पंडाल लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. कोड़ा मैदान प्रवेश द्वार पर पूजा समिति की ओर से विशाल पंडाल का निर्माण किया गया है.
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————————————————————-गर्भगृह बंद रहने के बाद भी चंडिका स्थान पहुंच रहे श्रद्धालु
शक्तिपीठ चंडिका स्थान में गर्भगृह बंद रहने के बाद भी बुधवार को काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे तथा मुख्य द्वार पर ही पूजा करके मंदिर प्रांगण के चबूतरे पर बैठक कर दुर्गा पाठ व दुर्गा चालीसा पढ़ने में लीन नजर आये. दोपहर बाद तक श्रद्धालु चंडिका स्थान पहुंचते रहे. विदित हो कि नवरात्रि को लेकर चंडिका स्थान से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है. यही कारण है कि गर्भगृह बंद रहने के बावजूद भी श्रद्धालुओं की आस्था में कमी नहीं आयी है. इस बार मंदिर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने के कारण नवरात्रि जैसे पावन त्योहार पर भी गर्भगृह को बंद रखा गया है. पता नहीं बांकी के बचे दिनों में भी श्रद्धालुओं को माता चंडिका के दर्शन का अवसर प्राप्त हो पायेगा या नहीं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

