सासामुसा. नेपाल में होने वाली बारिश से गंडक नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव व उफान आता है. नदी के जलस्तर में रोज उतार-चढ़ाव दिख रहा है. शुक्रवार को गंडक नदी में वाल्मीकिनगर से महज 72 हजार क्यूसेक जल डिस्चार्ज दर्ज किया गया. विशंभरपुर में खतरे के निशान से नदी 62 सेमी नीचे बह रही. जबकि डुमरिया के पास खतरे के निशान के करीब थी. गंडक नदी के मिजाज को देख दियारा के लोग भयभीत है. लोगों पर बाढ़ का खतरा अभी मंडरा रहा है. इस वर्ष सर्वाधिक नदी का डिस्चार्ज 2.14 लाख क्यूसेक तक पहुंचा है. नदी के घटते जलस्तर से कटाव का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में संभावित आपात स्थिति से निपटने को लेकर शुक्रवार को विशंभरपुर के नए भवन में अधिकारियों और ग्रामीणों की संयुक्त बैठक हुई. बैठक में कुचायकोट सीओ मणिभूषण, प्रभारी थानाध्यक्ष मुकेंद्र कुमार, कार्यपालक अभियंता पवन कुमार, सहायक अभियंता शमशेर आलम, जेई राकेश कुमार झा, गोविंद कुमार गुप्ता, मुखिया प्रतिनिधि जयप्रकाश प्रसाद सहित दियारा क्षेत्र के कई लोग मौजूद रहे. अहिरौलीदान से लेकर बिशुनपुर तटबंध तक निगरानी के लिए श्रमिकों की तैनाती की गई है. साथ ही भसही, विशंभरपुर और भगवानपुर क्षेत्रों में लगातार लेवल जांच की जा रही है तथा डेंजर प्वाइंट पर विभाग पूरी तरह मुस्तैद है. इस बार विभाग पूरी तरह से सतर्क है, लेकिन ग्रामीणों का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने अपील की कि तटबंध पर कहीं भी खतरे के संकेत दिखें तो तुरंत विभाग को सूचना दें. उन्होंने आश्वस्त किया कि फिलहाल बांध पर कोई खतरा नहीं है और वह पूरी तरह से सुरक्षित है. इंजीनियरों की टीम रात में भी लाइट की मदद से गश्त कर स्थिति पर नजर बनाए हुए.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

