परिहार (सीतामढ़ी). जिला प्रशासन और बेला थाना पुलिस टीम की छापेमारी में बड़ा खुलासा हुआ है. पैसे कमाने के चक्कर में फर्जी दस्तावेजों को तैयार कर उनके बेस पर आधार कार्ड बनाने वाले गैंग के गिरफ्तार पांच सदस्यों ने पूछताछ में जो बात कही है, वह चौंकाने वाला है. दरअसल अधिकारियों की जांच में बात सामने आयी है कि नेपाल के नागरिकों का फर्जी आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेज तो बनाया जाता ही था, इसमें भी ज्यादातर असम के आइडी का इस्तेमाल किया जाता था. इसके प्रमाण मिले हैं. जानकार बताते हैं कि असम स्टेट के आइडी से ज्यादा लोगों के फर्जी आधार कार्ड बनाया जाता है. जबकि कई के आधार कार्ड अपडेट भी किए हैं. इसके लिए धंधेबाज हाथों-हाथ आवासीय व जन्म प्रमाणपत्र को एडिट कर मोटी रकम लेकर बना देते हैं. खासकर नेपाली आधार कार्ड बनाने में उक्त तकनीकी का इस्तेमाल करते हैं.
— इस अवैध धंधे में जुड़े हैं कई लोग
परिहार प्रखंड में एक जानकार व्यक्ति जो खुद शिकार फर्जी आधार कार्ड मशीन का हो चुका है ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि वह भी दूसरे की तरह रातोंरात लखपति बनने के चक्कर में फस गया. वो रुन्नीसैदपुर से 90 हजार में मशीन खरीदारी कर लाया. मशीन देने वाले से उसकी मुलाकात नहीं हुई, लेकिन वह पे-फोन पर पैसा भेजा और किसी अज्ञात स्थान पर से एक जगह से मशीन ले जाने को कहा. वह भी आधार कार्ड बनाने का पूरा सिस्टम ले आया. मात्र 15 दिन ही मशीन चलाया और मशीन बंद हो गया. उक्त धंधेबाज इधर मशीन बंद होते ही पहले से मिले आधार कार्ड आइडी से दूसरा रबड़ बायोमेट्रिक तैयार कर दूसरी मशीन पर सेटअप कर चालू करा देता है. इस गैंग में एक नहीं, अनेकों लोग जुड़े हुए हैं.
— नेपाली युवक को बनाते हैं अपना शिकार
अवैध रूप से कारगुजारी कर आधार कार्ड बनाने मामले में ज्यादातर संचालक नेपाली युवक को ही अपना शिकार बनाते हैं, जिससे 10 से 20 हजार रुपए आसानी से वसूल हो जाता है. उक्त आधार कार्ड से वह भारतीय सीमा के विभिन्न कंपनियों तक में सेट हो जाते हैं. यहां तक कि आधार कार्ड से अपना पासपोर्ट तक बनवा लेते हैं.
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