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hajipur news. कटावपीड़ितों ने महनार- हाजीपुर मुख्य मार्ग को घंटों किया जाम

विस्थापित हो रहे परिवारों को सरकारी सहायता नहीं मिलने पर फूटा आक्रोश, सीओ के आश्वासन के बाद पांच घंटे बाद खुला जाम

सहदेई बुजुर्ग. गंगा में कटाव के कारण विस्थापित हो रहे परिवारों ने सरकारी मदद नहीं मिलने से आक्रोशित होकर महनार-हाजीपुर मुख्य मार्ग एनएच को नयागंज हाट के निकट घंटो तक जाम कर दिया. जाम के कारण सड़क के दोनों ओर गाड़ियों की लंबी कतार लग गयी, जिससे आवागमण पूरी तरह बाधित हो गया.

400 परिवारों पर विस्थापन का खतरा

सड़क जाम कर रहे लोगों ने बताया कि नयागांव पश्चिमी पंचायत के वार्ड संख्या 13 गनियारी गांव में गंगा नदी में कटाव के कारण चार सौ परिवारों पर विस्थापन का खतरा मंडराने लगा है. छह-सात लोगों का घर अभी तक कट कर गंगा में विलीन हो चुकी है. जिस प्रकार से कटाव की रफ्तार है उससे आशंका है कि कुछ ही दिनों में पूरा गांव गंगा नदी में समा जाएगी.

सड़क जाम कर रहे लोगों का कहना था कि इसके पूर्व भी लोगों के खेत कट रहे थे इस बीच बाढ़ आई तो यह बात थोड़ी पीछे हो गई और लोग कटाव के बात को भूलकर बाढ़ से बचाव में लग गये थे. अब गंगा नदी का जलस्तर कम हुआ तो कटाव एक बार फिर रफ्तार पकड़ लिया है. जिससे सैकड़ों एकड़ भूमि पहले ही नदी में समा चुकी है और अब घर नदी में समा रहे हैं.

लोगों का आरोप है कि सरकारी मदद के नाम पर केवल आश्वासन ही दिया जाता है. अभी तक किसी स्तर पर कोई भी पदाधिकारी एक रुपए की सरकारी मदद नहीं दिया है और न ही कटाव के रोकथाम का कोई उपाय किया गया. आक्रोशित लोगों ने शुक्रवार की सुबह सात बजे से बांस बल्ला आदि लेकर सड़क पर पहुंच गए और हाजीपुर महनार सड़क एनएच 122 बी को नयागंज हाट के निकट जाम कर मुआवजा, विस्थापन के उपरांत बसने के लिए भूमि एवं नए घर बनाने की राशि आदि की मांग करने लगे.

सड़क जाम की सूचना पर देसरी थाना की पुलिस एवं सहदेई बुजुर्ग की सीओ अनुराधा मौके पर पहुंचे. सीओ ने लोगों को आश्वासन दिया कि शनिवार से बाढ़ नियंत्रण विभाग की ओर से कटाव आदि को लेकर कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा. इन्होंने कहा कि जिन लोगों का घर नदी में समा गया है या गिरने की स्थिति में है. वैसे सभी लोगों की सूची बनाकर जिला को भेजी जा रही है. नियमानुसार सभी प्रभावित लोगों को मदद दी जाएगी. सीओ के आश्वासन के बाद सड़क करीब पांच घंटों बाद जाम समाप्त हुआ.

समय रहते कदम नहीं उठाने पर होंगे बेरोजगार

इस दौरान अधिकारियों को दिये आवेदन में प्रभावितों ने कहा है कि कई पीढ़ियों से स्थायी रूप से यहां लोग निवास कर रहे है. जीविकोपार्जन का मुख्य श्रोत गंगा नदी के दियारा क्षेत्र में खेती बारी है. विगत दो वर्षों से गंगा नदी के अत्यधिक कटाव से हमारा जीविकोपार्जन के लिए खेतिहर जमीन पूरी तरह से गंगा नदी में समा गया है. आज की तारीख में यह कटाव हम सभी के घर तक पहुंच गया है. आश्चर्य की बात है कि स्थानीय प्रशासन इस विकराल कटाव को नहीं रोक पाया. ग्रामीणों ने आग्रह किया है कि समय रहते अपने स्तर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है तो हम सभी ग्रामवासी बेरोजगार होने के साथ साथ भूमिहीन एवं बेघर भी हो जायेंगे. ना तो जीवनयापन का कोई साधन रहेगा और न ही हमारे बच्चों के भविष्य का कोई ठिकाना. गंगा नदी के इस विकराल एवं भयावह कटाव को रोकने हेतु अतिशीघ्र ठोस कदम उठाने की कृपा करें.

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