दंडाधिकारी के साथ की गयी थी भारी पुलिस बल की तैनाती
सहरसा. शुक्रवार को पासवान चौक, महर्षि मेंही आश्रम रोड, शिवपुरी वार्ड नंबर पांच में अतिक्रमण हटाने को लेकर प्रशासन द्वारा कार्रवाई की गयी. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई उच्च न्यायालय के आदेश पर की गयी. बताया जाता है कि आवेदक राजकिशोर राय ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का मामला दर्ज कराया था. मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट के आदेश के बाद संबंधित खेसरा संख्या वाली जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लेकर अफरा-तफरी का माहौल रहा. अतिक्रमण हटाने के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए दंडाधिकारी के साथ भारी पुलिस बल की तैनाती की गयी थी.प्रशासनिक कार्रवाई देख कई लोगों ने खुद ही अपने मकान और दुकानों को तोड़कर हटाना शुरू कर दिया. हालांकि कार्रवाई को लेकर व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता अवधेश प्रसाद सिंह ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जिस जमीन को सरकारी बताया जा रहा है. वह निजी जमीन है. उन्होंने दावा किया कि जमीन की उन्होंने विधिवत खरीद की है और इसके दाखिल-खारिज की रसीद भी नियमित रूप से कटा रहे हैं. जमीन का राजस्व सरकार ले रही है. अंचल अमीन की जांच प्रतिवेदन में भी जमीन को निजी बताया गया है. ऐसे में जमीन को सरकारी घोषित कर देना न्यायसंगत नहीं है. अधिवक्ता ने सवाल उठाया कि जब राजस्व वसूला जा रहा है और दाखिल-खारिज की प्रक्रिया पूरी है, तो आखिर इस जमीन को सरकारी मानकर लोगों को बेघर करने की कार्रवाई कैसे की जा रही है. मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि कार्रवाई पूरी तरह से उच्च न्यायालय के आदेश के तहत की जा रही है.
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