– वर्ग संचालन को ले दिन में दो-तीन बार निरीक्षण से बनने लगा कॉलेज में एकादमिक माहौल – मठाधीश शिक्षक छात्रों को पढ़ाई को ले कर रहे प्रोत्साहित – कुल नामांकन के 25 प्रतिशत बच्चे भी वर्गसंचालन में नहीं हो पा रहे शामिल – योगदान के दिन नए प्राचार्य ने सभी को वर्ग संचालन को लेकर किया था आह्वान – सितंबर माह में एकडमिक व्यवस्था कायम करने को दिया गया था निर्देश कटिहार डीएस कॉलेज को एकेडमिक प्राचार्य के योगदान के बाद से ही मठाधीश शिक्षकों में बौखलाहट है. ऐसा इसलिए कि पूर्व में जहां वैसे शिक्षकों द्वारा वर्ग संचालन के प्रति दिलचस्पी नहीं दिखाने के कारण पठन पाठन की स्थिति बदतर हो गयी थी. एकेडमिक प्राचार्य के रूप में डीएस कॉलेज को मिले डॉ प्रो प्रशांत कुमार द्वारा वर्ग संचालन को लेकर दिन में दो से तीन बार निरीक्षण के बाद से उन मठाधीश शिक्षकों को वर्ग लेने की मजबूरी बन गयी है. पूर्व में जहां प्राचार्य कक्ष में दिन भर खाली बैठ कर जो शिक्षक समय काटते थे. उनलोगों को अब वर्ग संचालन को लेकर तत्पर रहना पड़ रहा है. प्राचार्य के द्वारा कॉलेज में एकेडमिक माहौल बनाने के प्रति सख्ती दिखाने से अब धीरे धीरे एकेडमिक माहौल स्थापित होने लगा है. एकेडमिक व्यवस्था में इतनी सुधार हो गयी है कि अब मठाधीश शिक्षक विभाग स्तर से रजिस्टर तैयार करने लगे हैं. मठाधीश शिक्षकों द्वारा छात्र छात्राओं को वर्ग संचालन में शामिल होने को लेकर प्रोत्साहित करने लगे हैं. हालांकि अब भी कुल नामांकन में 25 प्रतिशत छात्र वर्ग में शामिल हो रहे हैं. मालूम हो कि डीएस कॉलेज के नवनियुक्त प्राचार्य डॉ प्रशांत कुमार द्वारा योगदान के समय से ही परिसर में एकेडमिक माहौल स्थापित करने को शिक्षकों से आह्वान किया गया था. साथ ही यह भी निर्देश दिया गया था कि सितम्बर माह से हर हाल में एकेडमिक माहौल तैयार हो लेकर आदेश भी दिया था. कई शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि मठाधीश शिक्षक को एकेडमिक के रूप में मिले प्राचार्य खटकने लगे हैं. पूर्व की भांति अब खाली बैठकर दिन बीताने की परम्परा पर धीरे धीरे अंकुश लग रहा है. जिसका नतीजा है कि आये दिन कॉलेज परिसर में छोटी मोटी घटनाओं को अंजाम दिलाकर बदनाम करने का प्रयास जारी है. विगत एक सप्ताह से हर रोज किसी न किसी कर्मचारी व शिक्षकों में अनबन की स्थिति कायम करने का प्रयास कराया जा रहा है. पूर्व के बकाये निकालने के चक्कर में किया जा रहा साजिश कई कर्मचारियों का कहना है कि कुछ मठाधीश शिक्षकों का पूर्व में कराये गये कार्य का भुगतान होना शेष है. जिसकी निकासी को लेकर प्रतिदिन किसी कर्मचारी पर दवाब बना परेशान किया जा रहा है. उनलोगों की माने तो छोटी मोटी कार्य के बदले मोटी राशि निकासी काे अंजाम देने के फिराक में हैं. इतना हीं नही पूर्व प्राचार्य के कार्यकाल के समय में किये गये कायों का भुगतान नये प्राचार्य के समक्ष कराने का कर्मचारियों पर दवाब बनाया जा रहा है. प्राचार्य व कर्मचारियों के द्वारा नियम परिनियम के अनुरूप कार्य करवाने व भुगतान आदेश से इन मठाधीश शिक्षकों में परेशानी है. पुराने गौरवशाली इतिहास वापस लाने की प्रतिबद्धता डीएस कॉलेज का पुराना गौरवशाली इतिहास वापस हो इसके लिए वे प्रतिबद्ध हैं. साथ ही कॉलेज में एकेडमिक माहौल बने इसको लेकर आदेश दिया गया है.अलग-अलग विभागों में प्रतिदिन दो से तीन बार औचक निरीक्षण से माहौल में बदलाव आ रहा है. एकेडिमक माहौल में तेजी से बदलाव आया है. सभी विभागों के शिक्षक अपने अपने विभाग में छात्रों का वर्ग संचालन करें इसको लेकर आदेश दिया गया है. डॉ प्रो प्रशांत कुमार, प्राचार्य, डीएस कॉलेज
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

