गोपालगंज. मांझा स्थित राज्य खाद्य निगम के तीन गोदामों में एसडीओ अनिल कुमार की जांच में धांधली सामने आया था. एसडीओ की रिपोर्ट के बाद डीएम पवन कुमार सिन्हा ने मामले की हाइलेबल जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया. कमेटी में जिला पंचायती राज पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार के नेतृत्व में जिला आपूर्ति पदाधिकारी कैसर जमाल, डीसीओ अमित कुमार व राज्य खाद निगम के जिला प्रबंधक लल्लू सिंह को शामिल किया गया. कमेटी के अधिकारियों ने गोदाम की जांच शुरू कर दी है. जांच की वीडियोग्राफी करायी जा रही है. जांच पर खुद डीएम नजर रखे हुए हैं. जांच टीम में एसएफसी के जिला प्रबंधक के शामिल होने पर कुछ लोग निष्पक्षता को लेकर सवाल भी उठा रहे थे. डीएम ने स्पष्ट कर दिया है कि गरीबों के साथ किसी तरह की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
जिला बीस सूत्री की बैठक में उठा था घटतौली का मुद्दा
जिला बीस सूत्री की बैठक में घटतौली का मामला सामने आया था. घटतौली के साथ गरीबों को सड़ा हुआ चावल देने का आरोप लगाकर जांच कराने की मांग की गयी थी. इसे गंभीरता से लेते हुए प्रभारी मंत्री कृष्ण नंदन पासवान ने मामले की जांच कराने का आदेश दिया था. आदेश के बाद के एसडीओ ने जांच किया. मांझा के कोइनी स्थित राज्य खाद्य निगम के गोदाम नंबर 13,14 व 15 में 50.50 किलो अनाज के बदले 45 से 47 किलो का बोरा मिला. सदर एसडीओ अनिल कुमार की जांच के दौरान सड़ा हुआ अनाज मिला. तीन गोदामों में भारी पैमाने पर अनियमितता मिली. चावल का गुणवत्ता काफी खराब मिली. 62 क्विंटल गेहूं कम पाया गया. सैकड़ों बोरा कम मिले. चावल की खराब गुणवत्ता व घटतौली देखते हुए तीनों गोदामों को सील कर दिया गया. एजीएम व क्वलीटी कंट्रोल अफसर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया गया. साथ ही डीएम पवन कुमार सिन्हा को जांच रिपोर्ट सौंप दी गयी. इसमें एजीएम से लेकर एसएफसी के जिला प्रबंधक की भूमिका भी होने की आशंका जाहिर की जा रही है.
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