मधुपुर . नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष जियाउल हक टार्जन को पालोजोरी पुलिस ने सोमवार को दुमका जाने के दौरान सारठ में गिरफ्तार करने के बाद मधुपुर न्यायालय में प्रस्तुत किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. जियाउल पर साइबर अपराध कर्मियों के पक्ष में नाजायज मजमा इकट्ठा कर पुलिस प्रशासन और कानूनी प्राधिकार के विरुद्ध द्वेषपूर्ण भाषण देकर जनता को भड़काने वाला वीडियो सोशल मीडिया में वायरल करने, सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने व साइबर अपराध कर्मियों के विरुद्ध छापेमारी अभियान के विरोध में द्वेषपूर्ण भाषण देकर आम जनता को भड़काने आदि का आरोप है. मामले में पालोजोरी थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी, जिसमें बताया गया था कि वायरल वीडियो के अवलोकन से पता चलता है कि स्थानीय नेता जियाउल हक उर्फ टार्जन ने षडयंत्र कर द्वेषपूर्ण भाषण दिया है. जो मुख्य रूप से संगठित अपराध साइबर क्राइम को संश्रय देने के लिए जाति, धार्मिक विश्वास के आधार पर विभिन्न समुदाय के बीच शत्रुता फैलाने, राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए लांछन लगाते हुए झूठा बयानबाजी कर आम लोगों को भड़काया गया है. उनके द्वारा सरकारी तंत्र और पुलिस विभाग पर झूठा आरोप लगाकर आम लोगों को भड़काने का काम किया गया है. जिसके कारण सरकारी कार्य में बाधा पहुंची है. इनके द्वारा पूर्व में भी जिला के विभिन्न थाना क्षेत्र में छोटी-मोटी घटनाओं में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर अपने भड़काऊ भाषण से शांति भंग कर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाया है. इस संबंध में विभिन्न थाना में भी इसके खिलाफ कांड दर्ज है. पुलिस ने जियाउल हक उर्फ टार्जन द्वारा वायरल किए गए वीडियो का भाषण को वीडियोग्राफी कर जब्त किया था. पुलिस ने कहा है नफरत फैलाने वाले भाषणों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई का निर्देश उच्चतम न्यायालय से प्राप्त है. गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने जियाउल हक उर्फ टार्जन को न्यायिक मजिस्ट्रेट मधुपुर शिखा रानी तिग्गा की अदालत में पेश किया गया, जहां सुनवाई के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इधर पूर्व नगर परिषद उपाध्यक्ष जियाउल हक टार्जन ने अपनी गिरफ्तारी के बाद कहा कि सरकार में जो बड़े लोग हैं और सिस्टम में जो बड़े पदाधिकारी हैं वह हमारी आवाज को दबाना चाहते हैं। राजनीतिक प्रतिशोध में गलत तरीके से गिरफ्तारी हुई है. युवक की हत्या के खिलाफ आवाज उठायी थी. जनता के हित के लिए हमेशा लड़ता रहा हूं और आगे भी लड़ता रहूंगा न्यायालय पर मुझे पूरा भरोसा है.
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