लखीसराय. दलित मुक्ति मंच जिला संयोजन कमेटी के तत्वावधान तथा संरक्षक रंजीत कुमार अजीत के नेतृत्व में संगठन से जुड़े लोगों ने गुरुवार को केआरके मैदान से प्रदर्शन प्रारंभ कर जिला समाहरणालय स्थित धरना स्थल पर एक दिवसीय धरना दिया. जिलाधिकारी को मांगपत्र सौंपकर सरकार द्वारा घोषित दलित भूमिहीनों को पांच डिसमिल जमीन देने की बात की गयी, लेकिन जिले के अंदर आज तक पूर्ण रूपेण न तो भूमिहीनों को जमीन आवंटित किया गया है, जो भूमि दिया गया उसे सही ढंग से प्लॉटिंग नहीं करके दिया गया है. परिणामस्वरूप आपस में विवाद होने की संभावना बनी रहती है. दलित लोगों ने सीओ को कई बार मापी कर अलग करने की मांग की, लेकिन वे नहीं सून रहे हैं. सामंतियों द्वारा पर्चा जमीन को भी मंदिर के नाम पर घेरा जा रहा है़ कहीं वन विभाग द्वारा धौंस दिखाकर दलित व आदिवासी को धमकाया जा रहा है़ हटाने की बात किया जा रही है. दलित के बस्ती में आज भी रोड नाली व पानी की व्यवस्था समुचित रूप से नहीं है. नगर परिषद क्षेत्र वार्ड एक में कानूनिया डीह टोला दलित बस्ती में रोड की व्यवस्था नहीं है. जो भी दलित बस्ती में विद्यालय है उसे भी मर्ज के नाम पर हटाया जा रहा है. आज जो शिक्षा की बाजारीकरण किया जा रहा है, उसके तहत प्राइवेट विद्यालयों में दलितों के बच्चों को 25 प्रतिशत आरक्षण सरकार द्वारा दी गयी है, लेकिन प्राइवेट विद्यालयों की ऊंची ऊंची दामों का किताब व कॉपी व प्रत्येक साल किताब को अलग-अलग चलने की प्रक्रिया के कारण ऊंचे दामों के चलते दलित बच्चों की शिक्षा वंचित रह जाते है. इसके अलावा कई मांग शामिल है. मौके पर जिला संरक्षक रंजीत कुमार अजीत, जिला संयोजक महेश मांझी, सह संयोजक रामपाल मांझी, संरक्षक अधिवक्ता मनोज कुमार मेहता, बनो मांझी, प्रमोद दास, सुधीर पासवान, कुंदन माझी, प्रह्राद मांझी, गुरुदेव मांझी, लखन मांझी, राजू मांझी, मिथिलेश मांझी, कुंती कुमारी, अनिक मांझी एवं जिला के वरिष्ठ नेता मोती साह सैकड़ों की संख्या में उपस्थित लोग शामिल हुए.
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