– 20 दिनों में यूजी सेमेस्टर सिक्स का परिणाम जारी होने की उम्मीद
– विश्वविद्यालय अभी तक नहीं ले सका अंतिम निर्णयवरीय संवाददाता, धनबाद.
बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय (बीबीएमकेयू) में नयी शिक्षा नीति (एनइपी) के तहत शुरू हुए चार वर्षीय स्नातक कोर्स अब अहम मोड़ पर पहुंच चुका है. वर्ष 2022-26 सत्र के करीब 23 छात्र इस बार स्नातक सेमेस्टर-सिक्स की परीक्षा दे चुके हैं. 20 सितंबर तक उनका परिणाम घोषित होने की संभावना है. इसके बाद जिन छात्रों को आगे नहीं पढ़ना होगा, वे एक्जिट विकल्प चुन सकते हैं और साधारण ग्रेजुएशन की डिग्री लेकर बाहर निकल सकते हैं. वहीं जो छात्र स्नातक की पढ़ाई से आगे बढ़ते हुए सेमेस्टर-सेवेन में ”ऑनर्स विथ रिसर्च” या ”डिग्री विथ ऑनर्स” करना चाहते हैं, उनके लिए अब तक विश्वविद्यालय के पास कोई स्पष्ट योजना नहीं है. ऐसे में छात्रों व कॉलेजों में असमंजस बना हुआ है.
सेमेस्टर सात और आठ में नामांकन को लेकर अनिश्चितता
बीबीएमकेयू प्रशासन के पास प्रस्ताव तैयार है, लेकिन उस पर अब तक एकेडमिक काउंसिल और सिंडीकेट की अंतिम मुहर नहीं लगी है. विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार, ”ऑनर्स विथ रिसर्च” की पढ़ाई हर कॉलेज में संभव नहीं होगी. इसके लिए कुछ शर्तें रखी गई हैं. जैसे किसी भी कॉलेज में रिसर्च स्तर की पढ़ाई तभी होगी, जब उस विषय में कम से कम दो नियमित पीएचडीधारक शिक्षक हों. अभी सभी कॉलेजों में शिक्षकों की कमी है. ऐसे में कॉलेजों का क्लस्टर बनाया जाएगा और अलग-अलग कॉलेजों में अलग-अलग विषयों के लिए रिसर्च क्लासेस चलेंगी. विवि के शिक्षकों को जरूरत पड़ने पर कॉलेजों में जाकर क्लास लेने की जिम्मेदारी दी जाएगी. बता दें कि ‘ऑनर्स विथ रिसर्च’ केवल उन छात्रों को मिलेगा, जिन्होंने सेमेस्टर सिक्स में 7.5 सीजीपीए या 75 प्रतिशत अंक हासिल किये हैं. शेष छात्र ”डिग्री विथ ऑनर्स” में नामांकन ले सकेंगे.पीजी नामांकन में ऑनर्स की बाध्यता में बदलाव का प्रस्ताव
नई शिक्षा नीति के चलते बड़ी संख्या में छात्र तीसरे वर्ष के बाद कोर्स छोड़कर केवल स्नातक डिग्री लेकर बाहर निकलेंगे. अब तक ऐसे छात्र पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) में नामांकन के पात्र नहीं होते थे, क्योंकि उनके पास ऑनर्स डिग्री नहीं होती थी. इसे देखते हुए बीबीएमकेयू प्रशासन ने बड़ा कदम उठाने का प्रस्ताव रखा है. इसके अनुसार, पीजी नामांकन के लिए ऑनर्स की बाध्यता को एक वर्ष के लिए समाप्त कर दिया जाएगा. यह बदलाव केवल पीजी सत्र 2025-27 के लिए प्रभावी होगा. यदि प्रस्ताव को अकादमिक काउंसिल की मंजूरी मिल जाती है, तो स्नातक तीसरे वर्ष तक पढ़ाई करने वाले भी अपने मेजर विषय में पीजी में दाखिला ले सकेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

