लखीसराय. बिहार मिड डे मील वर्कर्स यूनियन (रसोईया) जिला कमेटी की बैठक रीना देवी की अध्यक्षता में संपन्न हुई. जिसमें सुषमा देवी, बबीता देवी, रेखा देवी, महेश मांझी, श्री यादव, गायत्री देवी, अजय कुमार, मनोज गुप्ता, रामपाल मांझी, अनुज कुमार, उपाध्यक्ष नीता देवी सहित अन्य साथियों की उपस्थिति रही. जिला सचिव सह राज्य कमेटी सदस्य रंजीत कुमार अजीत ने कहा वर्ष 2009 में भारत सरकार द्वारा रसोइया का मानदेय एक हजार रुपये तय कर अपना हिस्सा छह सौ रुपये तय किया तथा चार सौ रुपये राज्य सरकार के हिस्से में दिया गया. देश के सभी राज्यों में रसोइया यूनियन के संघर्ष के कारण मानदेय में बढ़ोत्तरी की गयी है, लेकिन भारत सरकार अपने अंश में आज तक एक रुपये की भी बढ़ोतरी नहीं की है जो चिंताजनक है. वह भी तब जब इस योजना का नाम बदल मध्याह्न भोजन योजना से बदल कर पीएम पोषण योजना कर दिया गया है. इसके अलावा इस योजना का निजीकरण किया जा रहा है. केंद्रीय किचन में रात में ही खाना बनाना शुरू किया जाता है तथा जब बच्चों के समक्ष परोसा जाता है तो उस समय बासी हो जाता है. जो नुकसान पहुंचाने वाला है. बैठक में रसोईया ने अपनी मांगों को रखते हुए कहा कि उनकी मांगों में रसोईया को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाय, जब तक सरकारी कर्मचारी घोषित नहीं किया जाता है तब तक श्रम सम्मेलन में तय राशि 26 हजार रुपये किया जाय तथा मानदेय में अपना अंश बढ़ाने का तत्काल घोषणा किया जाय, संपूर्ण देश में मानदेय में एकरूपता बहाल किया जाय, मिड डे मील योजना के निजीकरण पर रोक लगायी जाय, रसोईया को पांच हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन तथा सेवानिवृति के समय दो लाख रुपये एक मुश्त राशि दी जाय सहित अन्य मांगे शामिल हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

