हाजीपुर. फार्मासिस्ट दिवस के अवसर पर बीफार्म अभ्यर्थियों ने बिहार सरकार की नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अभ्यर्थियों ने काली पट्टी बांधकर गुरुवार को धरना दिया और स्वास्थ्य विभाग पर पक्षपातपूर्ण रवैये का आरोप लगाया.
इस संबंध में बीफार्म अभ्यर्थी डा मनीष कुमार ने बताया कि फार्मेसी एक्ट 1948 की धारा 2(i) और 42 के तहत हर निबंधित फार्मासिस्ट को अस्पतालों में बहाली का अधिकार है. बावजूद इसके बिहार सरकार बीफार्म और फार्म डी अभ्यर्थियों को दरकिनार कर रही है. इन्होंने कहा कि 1999 और 2006 की बहालियों में बीफार्म धारक नियमित नौकरी कर रहे हैं, वहीं 2013 और 2016 में एनएचएम के तहत लगभग 500 बीफार्म फार्मासिस्ट संविदा पर बहाल हैं और वर्षों से सेवा दे रहे हैं.
अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि हाल ही में कारा विभाग की नियमावली में भी बीफार्म को हटा दिया गया, जबकि पड़ोसी राज्य झारखंड, रेलवे, एम्स और सेना की बहालियों में बीफार्म को पात्र माना जाता है. बीफार्म उम्मीदवारों ने सवाल उठाया जो 2004 में योग्य थे, वे 2024 में उच्च गुणवत्ता वाला कोर्स करने के बावजूद अयोग्य कैसे हो गए.धरना प्रदर्शन के दौरान अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को अनदेखा किया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा. विरोध प्रदर्शन में नीलेश कुमार, पप्पू कुमार, मुकेश कुमार, रोहित कुमार, सुजीत कुमार, मो दिलनवाज, गौतम कुमार, मुन्ना इत्यादि मौजूद रहे.
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