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0-जहरीली हुई धनबाद की हवा, ध्वनि प्रदूषण ने भी सीमाएं पार कीं

चिंता. दीपावली की रात पटाखों के अनियंत्रित इस्तेमाल ने बढ़ायी समस्या

-धनबाद में एक्यूआइ 262 के खतरनाक स्तर तक पहुंचा

-बैंकमोड़ बना सबसे शोरगुल वाला इलाका

अशोक कुमार, धनबाद

दीपावली की रात देश की

चिंता. दीपावली की रात पटाखों के अनियंत्रित इस्तेमाल ने बढ़ायी समस्या

-धनबाद में एक्यूआइ 262 के खतरनाक स्तर तक पहुंचा

-बैंकमोड़ बना सबसे शोरगुल वाला इलाका

अशोक कुमार, धनबाद

दीपावली की रात देश की कोयला राजधानी धनबाद में वायु और ध्वनि प्रदूषण, दोनों का स्तर खतरनाक सीमा तक पहुंच गया. पटाखों के अनियंत्रित इस्तेमाल से वायु और ध्वनि प्रदूषण की मात्रा में असामान्य वृद्धि दर्ज की गयी. सोमवार की रात 12 बजे शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) खतरनाक स्तर 262 दर्ज किया गया. आतिशबाजी के कारण वातावरण में धुएं व जहरीली गैस की मात्रा तेजी से बढ़ गयी. इस दिन शाम ढलते ही वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होने लगी थी. आंकड़ों के अनुसार, रात आठ बजे के बाद एक्यूआइ 200 से ऊपर चला गया. यह स्थिति मंगलवार की अलसुबह चार बजे तक बनी रही. सबसे खराब स्थिति रात 10 बजे से लेकर दो बजे के बीच रही, जब एक्यूआइ 250 से ऊपर दर्ज किया गया. यह स्तर स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है. खासकर बच्चों, बुजुर्गों और श्वास संबंधी रोगियों के लिए.

पीएम 2.5 का स्तर 165 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर पहुंचा :

पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक, दीपावली के दिन धनबाद की हवा में पीएम 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर, महीन धूल-कण) का स्तर 120 से 165 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक पहुंच गया, जबकि इसका मान्य स्तर केवल 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर है. पीएम 2.5 के इतने ऊंचे स्तर से हवा में सूक्ष्म धूल-कणों की घनता बढ़ जाती है, जो सांस के जरिए शरीर में जाकर फेफड़ों व दिल पर बुरा असर डालती है. इसी अवधि में सल्फर डाइऑक्साइड का स्तर भी सामान्य से कई गुना अधिक पाया गया. दीपावली की रात यह 80 से 130 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक दर्ज किया गया, जबकि सामान्य स्थिति में यह स्तर 40 माइक्रोग्राम से कम रहना चाहिए. यह गैस आतिशबाजी में प्रयुक्त रासायनिक तत्वों से उत्पन्न होती है.

कोयला राजधानी के वातावरण में रात भर गूंजते रहे पटाखे :

सोमवार को धनबाद में ध्वनि प्रदूषण ने भी सभी सीमाएं पार कर दीं. झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा शहर के तीन प्रमुख स्थानों बरटांड़, हीरापुर और बैंक मोड़ में ध्वनि प्रदूषण रिकाॅर्ड किया गया. दीपावली की रात बैंक मोड़ सबसे अधिक शोरगुल वाला इलाका रहा. यहां पहले ध्वनि प्रदूषण अधिकतम (समान प्रभावी ध्वनि स्तर) 75.5 डेसिबल था, जो दीपावली के दिन बढ़कर 106.3 डेसिबल तक पहुंच गया. रात नौ से 10 बजे के बीच बैंक मोड़ में आतिशबाजी का शोर उच्चतम स्तर रिकाॅर्ड किया गया. वहीं बरटांड़ में 10 बजे से 11 बजे के बीच औसत ध्वनि स्तर 60.5 डेसिबल से बढ़कर अधिकतम स्तर 103.6 डेसिबल तक पहुंच गया, जबकि इसी अवधि में हीरापुर क्षेत्र में दीपावली के दिन औसत 63.5 डेसिबल से बढ़कर 105.2 डेसिबल तक दर्ज हुआ, जो आवासीय सीमा से करीब 40 डेसिबल अधिक है.

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