Goa Election 2022 Updates: संपन्न हो गया. इसके साथ ही 301 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में लॉक हो गयी. अब 10 मार्च को मतगणना के दिन पता चलेगा कि कौन जीता-कौन हारा. किसकी बनेगी सरकार और कौन बैठेगा विपक्ष में.
गोवा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कुणाल ने कहा कि गोवा में चुनाव शांतिपूर्वक और उत्साहवर्धक तरीके से हो रहा है. अब तक 11.04 फीसदी मतदान हुआ है. किसी-किसी विधानसभा में मतदान 14 फीसदी तक भी पहुंचा है. इस बार हम रिकॉर्ड तोड़ मतदान की उम्मीद कर रहे हैं.
कलंगुट से कांग्रेस उम्मीदवार माइकल लोबोस ने सोमवार को कहा कि लोग निर्वाचन क्षेत्र के लिए नहीं बल्कि गोवा के लिए मतदान कर रहे हैं. जब हम गोवा की बात करते हैं तो हम बेरोजगार लड़के-लड़कियों की बात करते हैं, पिछले 10 वर्षों से खनन बंद होने की बात करते हैं, पर्यटन उद्योग की समस्याओं के बारे में बात करते हैं. लोग भविष्य के लिए मतदान करने जा रहे हैं.
गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई ने सोमवार को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान शुरू होने के बाद कहा कि गोवा के लोग सहयोगी हैं. कोई बड़ा राजनीतिक संघर्ष नहीं है. चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होंगे. निर्वाचन आयोग और सभी राजनीतिक दल प्रशंसा के पात्र हैं. मुझे उम्मीद है कि इस साल और लोग मतदान केंद्रों पर आएंगे.
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह-सुबह मुझे फोन कर शुभकामनाएं दी हैं. हमें उम्मीद हैं कि गोवा में फिर से भाजपा की सरकार बनेगी. मुझे विश्वास है कि हमें इस बार 22 से ज़्यादा सीटें मिलेंगी. इस बार भी लोग भाजपा को ही वोट देंगे.
गोवा में सोमवार को विधानसभा चुनाव के लिए 40 सीटों पर मतदान शुरू हो गया है. गोवा में प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (भाजपा), विपक्ष के नेता दिगंबर कामत (कांग्रेस), पूर्व मुख्यमंत्री चर्चिल अलेमाओ (टीएमसी), रवि नाइक (भाजपा), लक्ष्मीकांत पारसेकर (निर्दलीय), पूर्व उप मुख्यमंत्री विजय सरदेसाई (जीएफपी) सुदीन धवलीकर (एमजीपी), पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर और आप के मुख्यमंत्री चेहरा अमित पालेकर शामिल हैं. गोवा विधानसभा की 40 सीटों पर 301 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने के लिएसभी तैयारियां कर ली गई हैं. परंपरागत रूप से द्विध्रुवीय राजनीति वाले राज्य, गोवा में इस बार बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है, जहां आम आदमी पार्टी (आप), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और अन्य छोटे दल राज्य के चुनावी परिदृश्य पर अपनी छाप छोड़ने की होड़ में हैं.