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संतुलित भोजन से स्वस्थ रहेगा जीवन, स्वाद के लालच में न पड़ें

-श्वेता जायसवाल, कंसल्टेंट डाइटीशियन नगरमल मोदी सेवा सदन बरियातु, रांचीहमारे शरीर को खाद्य पदार्थों को तोड़ने के लिए हमें पूरी तरह से काम करने वाली पाचन तंत्र की आवश्यकता होती है, लेकिन हमारी खराब जीवनशैली हमारे पाचन तंत्र पर खराब असर डालती है. लंबे समय में यह स्थिति गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता […]

-श्वेता जायसवाल, कंसल्टेंट डाइटीशियन नगरमल मोदी सेवा सदन बरियातु, रांची
हमारे शरीर को खाद्य पदार्थों को तोड़ने के लिए हमें पूरी तरह से काम करने वाली पाचन तंत्र की आवश्यकता होती है, लेकिन हमारी खराब जीवनशैली हमारे पाचन तंत्र पर खराब असर डालती है. लंबे समय में यह स्थिति गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है. पाचन क्रिया के सही से काम न करने से स्वस्थ रहना मुश्किल है, क्योंकि पाचन क्रिया से ही आहार टूट कर कई पोषक अवयवों में बदलते हैं और हमारे शरीर की जरूरतों को पूरा करते हैं. हालांकि, पाचन क्रिया को सुचारू रखना उतना मुश्किल नहीं है, पर ज्यादातर मामलों में यह हमारी खराब आदतों के कारण प्रभावित होती है. सबसे जरूरी है, प्रतिदिन 3-4 लीटर पानी पीना. यह हमारे शरीर को हाइड्रेट रखता है, जिससे भोजन पचने में आसानी होती है.

दिनचर्या में सुधार जरूरी : स्वस्थ रहने के लिए एक अच्छी दिनचर्या जरूरी है. पाचन तंत्र की समस्या को बेहतर दिनचर्या से दूर रखा जा सकता है. सही समय पर भोजन करें. इससे शरीर भी आपके अनुसार चलता रहेगा और पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहेगा. कई बार काम की वजह से, तो कई बार जानबूझकर लोग देर रात तक जागते हैं और सुबह लेट उठते हैं. इससे पाचन तंत्र पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. इसलिए आठ से नौ बजे रात तक डिनर कर लें और उसके बाद कम-से-कम टहलें. बाहर नहीं जा सकते, तो घर में ही हल्के म्यूजिक पर थोड़ा चहलकदमी कर लें.

नींद का हमारे शरीर से गहरा नाता है. जिस तरह हमारे लिए भोजन जरूरी है, उसी तरह नींद भी जरूरी है. अच्छी नींद के बिना अच्छे स्वास्थ्य संभव नहीं है. नींद मस्तिष्क को आराम देता है, जबकि अनिद्रा तनाव का प्रमुख कारण है. अधिक तनाव पाचन सहित अन्य अंगों को भी प्रभावित करती है.

स्वाद के लालच में न पड़ें : स्वादिष्ट भोजन सभी को प्यारा होता है, पर देखा गया है कि ज्यादातर स्वादिष्ट भोजन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. स्वाद के चक्कर में ही लोग फास्ट फूड या जंक फूड खाते हैं. यह खराब पाचनतंत्र की प्रमुख वजह है. इसके साथ ही शारीरिक मेहनत कम या न करने से भी पाचनतंत्र पर असर पड़ता है. जो लोग शारीरिक श्रम कम करते हैं, उन्हे टहलना, दौड़ना, साइकलिंग व स्वीमिंग करना चाहिए. इससे शरीर की लचक तो बरकरार तो रहती ही है, ऊर्जा को खर्च करने और पाचनतंत्र को ठीक करने में भी मदद मिलती है.

संतुलित भोजन : लोग स्वादिष्ट भोजन देखकर ज्यादा खा लेते हैं. अधिक भोजन पाचनक्रिया को स्लो कर देता है. इसलिए जितनी भूख हो उतना ही खाएं. अधिक खाने से पाचनतंत्र पर दबाव बढ़ जाता है. जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, वसा युक्त खाद्य पदार्थों को पचाना मुश्किल हो जाता है. इससे उलटी, अपच, खट्टी डकारें आने लगती हैं. इनसे बचने के लिए तैलीय आहार कम लें. सही समय पर भोजन करना अच्छी सेहत की निशानी होती है. नाश्ते से लेकर डिनर तक खाने का समय निश्चित होना चाहिए. अगर हम एक घंटा पहले या एक घंटा बाद खाते हैं, तो भोजन का संतुलन बिगड़ जाता है. कई लोग जब तेज भूख लगी हो, तब कुछ खाते नहीं और भूख न हो, तो कुछ-कुछ खाते रहते हैं. ये आदत भी गलत है. अनियमित खान-पान से सेहत बनाना मुश्किल है. भूख लगने पर खुद को रोके नहीं, शरीर को भोजन दें. इससे पाचन तंत्र अच्छा रहता है.

व्यसनों से दूर रहें : शराब-सिगरेट जैसे व्यसन हमारे पाचन तंत्र को बिगाड़ते हैं. अत: इसे जितनी जल्दी त्याग दें, उतना बेहतर. पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए इलायची, अदरक, नीबू, सलाद, अमरूद, सौंफ, एलवेरा, हल्दी, आंवला, पपीता, केला, मूंग, अंकुरित चना, गेहूं एवं जौ की रोटियां आदि को आहार में शामिल करें. फलों में आम, अनार, अंजीर और संतरा लाभकारी हैं.

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