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मोटापा कम करने के लिए कभी न करें उपवास, क्योंकि…
रूपाली कुमारी चीफ डायटीशियन जगदीश मेमोरियल हॉस्पिटल, पटना नवरात्रि व्रत को लेकर कुछ लोग यह सोचते हैं कि इसी बहाने अपना वजन कम कर लेंगे, जिस कारण वे दिन भर में एक बार भोजन ग्रहण करते हैं या नहीं भी करते. इससे कई बार वजन घटने के बजाय वजन बढ़ जाता है. अचानक पानी पर […]
रूपाली कुमारी
चीफ डायटीशियन
जगदीश मेमोरियल हॉस्पिटल, पटना
नवरात्रि व्रत को लेकर कुछ लोग यह सोचते हैं कि इसी बहाने अपना वजन कम कर लेंगे, जिस कारण वे दिन भर में एक बार भोजन ग्रहण करते हैं या नहीं भी करते. इससे कई बार वजन घटने के बजाय वजन बढ़ जाता है.
अचानक पानी पर रहने या दिन में एक बार खाना खाने से न सिर्फ शरीर का मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है, बल्कि शरीर में वसा की मात्रा भी बढ़ती है. ज्यादा समय तक भूखे रहने की वजह से डिहाइड्रेशन की समस्या भी देखने को मिलती है. शरीर में प्रोटीन की कमी से muscle loss होता है.
सुबह उठने के बाद ज्यादा देर तक भूखे रहने से एसिडिटी और लो ब्लड प्रेशर की शिकायत रहती है. डाइटिंग के लिए व्रत रखते हैं, तो अच्छा होगा एक्सपर्ट की सलाह लें. उपवास के दौरान ऐसे आहार लें, जो वजन को प्रभावित न करे और संतुलित हो. उपवास के दौरान जरूरी है कि तैलीय भोजन की अपेक्षा तरल पदार्थों को प्राथमिकता दें. शारीरिक ऊर्जा और मानसिक एकाग्रता बढ़ानेवाले आहार लें. बाजारों में व्रत के लिए बिकनेवाली खाद्य सामग्री न लें. इनमें हाइ कैलोरी के साथ तेल-घी भी अच्छी मात्रा होती है.
उपवास के दौरान दूध-दही, पनीर, लस्सी आदि का सेवन करें. उपवास के कई फायदे भी हैं. इससे शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर आते हैं, जो रक्त संचार के लिए लाभकारी है. इससे दिमाग से तनाव समाप्त होता है और पाचन शक्ति भी बढ़ती है. उपवास के समय में पानी और अन्य तरल पदार्थ का सेवन करें. इससे शरीर से टॉक्सिन बाहर निकल जायेगा और पानी की कमी भी नहीं होगी.
उपवास के दौरान फलाहार तभी फायदेमंद है, जब ऑयली व हेवी डाइट के बजाय फल और उससे संबंधित सेहतमंद डाइट लें. उपवास के बाद अचानक से कुछ भी खा लेने से न सिर्फ वजन तेजी से बढ़ता है, बल्कि शरीर में फैट की अधिकता के कारण कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है. व्रत के दौरान तले हुए आलू के चिप्स का सेवन लोग अधिक करते हैं. आलू चिप्स से फैट्स में वृद्धि हो सकती है. इसलिए इससे परहेज करना बेहतर होगा.
डायट में कार्बोहाइड्रेट्स की कमी को पूरा करने के लिए आलू को उबालकर खाया जा सकता है. उपवास में कुट्टू के आटे की पूरी, पकौड़े या हलवा प्रचलित हैं.
कुट्टू की पूरी से भी तेजी से वजन बढ़ता है. एक मध्यम आकार की कुट्टू की पूरी में 200 कैलोरी होती है. अगर कुट्टू का आटा लेना ही है, तो उसे दूध से गूंथ कर रोटियां बनाएं. कई शहरों में नवरात्र थाली का चलन तेजी से बढ़ा है, जिसमें कुट्टू या सिंघाड़े के आटे की पूरी, पनीर की सब्जी, आलू या अरबी की सूखी सब्जी या चिप्स और मीठे पकवान होते हैं. यह थाली सामान्य डायट की अपेक्षा हैवी होती है.
इन्हें लेने के बजाय घर में कुछ हेल्दी बनाएं. साबूदाने में मौजूद स्टार्च भी तेजी से फैट में बदलता है. इसलिए व्रत के दौरान अधिक साबूदाने की बनी चीजों से बचें. साबूदाने की खीर बनाते समय कम चीनी का प्रयोग करें या फिर सेंधा नमक का यूज कर नमकीन खिचड़ी बनाएं और इसमें हरी सब्जियां मिलाएं. इस दौरान फ्रेश जूस लेना बेहतर है.
उपवास से पहले कर लें खुद को तैयार
यदि आपको किसी चीज की लत (अल्कोहल, कैफीन युक्त पेय पदार्थ जैसे चाय,कॉफी, सोडा और सिगरेट) हो, तो उपवास से करीब दो सप्ताह पहले ही उन चीजों को त्यागना शुरू कर दें, जिससे व्रत के दौरान आनेवाले किसी भी विड्रॉल सिंटप्स से बच सकें.
इससे पूजा-पाठ में मन भी लगेगा. चॉकलेट, कैंडी, डेरी प्रोडक्ट्स और अधिक वसायुक्त पदार्थों का खाना कम कर दें और फलों और सब्जियों के भाग ज्यादा लें. भोजन के छोटे हिस्से को खाएं, जिससे आपके पाचन तंत्र को काम करने में मुश्किल नहीं हो और आपका शरीर सामान्य से बहुत कम कैलोरी में अपना काम चलाने के लिए अभ्यस्त हो जाएं.
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