Wedding Night Tips: शादी के बाद पहली रात यानी सुहागरात (Suhag Raat Tips) के समय अक्सर कई पुरुष गलतियां कर बैठते हैं. यह ऐसी गलतियां होती है जो पुरुषों के लिए कई बार भारी पड़ जाती है, खासकर अरेंज मैरेज में. बेशक यह पल दोनों के लिए खास होता है. लेकिन यह समय न सिर्फ शारीरिक संबंध बनाने का होता है बल्कि एक दूसरे को जानने और समझने के लिए होता है. तो आईए जानते हैं सुहागरात के समय पुरुषों को किन गलतियों से बचना चाहिए.
बहुत अधिक उम्मीदें और जल्दबाजी
शादी की रात को लेकर पुरुषों के मन में अक्सर अवास्तविक उम्मीदें होती हैं. दरअसल वे फिल्मों में दिखाये गये सीन को देखकर फैंटसी में जीते हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि यह रात शारीरिक संबंध से ज्यादा भावनात्मक जुड़ाव का होता है. जल्दबाजी और ज्यादा अपेक्षाएं रिश्ते में तनाव पैदा कर सकती हैं.
बातचीत नहीं करना
कई पुरुष सुहागरात को केवल शारीरिक संबंध बनाने के नजरिये से देखते हैं. इस चक्कर में वे कई बार साथी से खुलकर बातचीत नहीं करते. जबकि इस रात को एक-दूसरे की भावनाओं और सोच को समझने का समय माना जाना चाहिए.
Also Read: Easy Hacks: जूतों से आ रही गंदी बदबू बन रही शर्मिंदगी का कारण? इन हैक्स से दूर होगी दुर्गंध
पार्टनर की सहमति को नजरअंदाज करना ठीक नहीं
शादी के बाद एक महिला अपने घर छोड़कर दूसरे के घर जाती है. लड़के का घर उनके लिए बिल्कुल नया होता है. इस वजह से अक्सर वह इस वक्त कोई भी कदम उठाने के लिए हिचकिचाती है. लेकिन कई पुरुषों उनकी भावनाओं को नहीं समझ पाते. विवाह का मतलब यह नहीं है कि उन्हें शारीरिक संबंध बनाने का परमिशन मिल चुका है. उसकी सहमति और उन्हें सहज फील करना बेहद जरूरी है.
महिलाओं की घबराहट को नजरअंदाज करना
महिलाएं अक्सर सुहागरात को लेकर चिंतित या घबराई हुई होती हैं. पुरुष अगर इसे समझें और धैर्य रखें, तो रिश्ते की नींव मजबूत बन सकती है. उन्हें कोई भी चीज करने दबाव डालना सही नहीं है. इससे उनके दिमाग में आपके प्रति कई गलतफहमी पैदा कर सकता है.
खुद को साबित करने की कोशिश न करें
कई पुरुष इस रात को अपनी “मर्दानगी” साबित करने का जरिया समझ लेते हैं. इसके चलते वे आत्ममुग्धता में चले जाते हैं और साथी की भावनाओं को दरकिनार कर देते हैं. याद रखें, यह कोई परीक्षा नहीं बल्कि एक साझा अनुभव है.
पारिवारिक और सामाजिक दबाव में आ जाना
कुछ पुरुष घरवालों या दोस्तों की कही बातों से इतने प्रभावित रहते हैं कि वे अपनी सोच और भावनाओं को दबा देते हैं. इससे वे न तो खुलकर अपने साथी से जुड़ पाते हैं और न ही सहज रह पाते हैं.
शारीरिक संबंध को प्राथमिकता देना गलत
सुहाग रात को केवल “शारीरिक संबंध” तक सीमित करना रिश्ते को कमजोर कर सकता है. इससे सामने वाले के आपके प्रति नाकारात्मक छवि बनेगी और रिश्ता कमजोर हो जाएगा. यह जानना जरूरी है कि यह समय एक-दूसरे को जानने-समझने, अपनाने और भावनात्मक रूप से जुड़ने का भी होता है.
Also Read: Gardening Tips: अब घर पर आसानी से मिलेगा ताजा टमाटर, गमले में पौधे उगाने के असरदार तरीके