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Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि में परिवार के साथ जरूर करें इन देवी मैया के प्रसिद्ध मंदिरों में दर्शन

Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि 2023 में 15 अक्टूबर दिन रविवार से शुरू हो रहा है और 23 अक्टूबर दिन मंगलवार तक मनाई जाएगी. हम आपको बताएंगे उन मंदिरों के बारे में जहां दर्शन के लिए प्लान जरूर बना लीजिए.

Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि 2023 में 15 अक्टूबर दिन रविवार से शुरू हो रहा है और 23 अक्टूबर दिन मंगलवार तक मनाई जाएगी. 24 अक्टूबर को विजयादशमी या दशहरा का पर्व मनाया जाएगा. शारदीय नवरात्रि सभी नवरात्रियों में सबसे अधिक लोकप्रिय और महत्वपूर्ण नवरात्रि है, इसे महा नवरात्रि भी कहा जाता है. नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. हम आपको बताएंगे मंदिरों के बारे में जहां दर्शन के लिए प्लान जरूर बना लीजिए.

वैष्णो देवी मंदिर

इस नवरात्रि आप वैष्णो देवी मंदिर घूमने का प्लान बना सकते हैं. वैष्णो देवी मंदिर जम्मू जिले में कटरा शहर के पास त्रिकुटा पहाड़ी पर स्थित है. यह मंदिर 5,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. ऐसा कहा जाता है कि मंदिर का निर्माण लगभग 700 साल पहले पंडित श्रीधर ने करवाया था. पंडित श्रीधर माता के बहुत बड़े भक्त थे. मंदिर में माता वैष्णो देवी की तीन मूर्तियाँ हैं. देवी काली, सरस्वती और लक्ष्मी की मूर्तियाँ पिण्डी के रूप में गुफा में विराजित हैं. इन तीनों पिण्डियों के सम्मि‍लित रूप को वैष्णो देवी माता कहा जाता है. कटरा से मंदिर तक जाने के लिए आप पालकी, खच्चर या विद्युत-चालित वाहन ले सकते हैं. आप पैदल भी जा सकते हैं. कटरा से भवन तक की 12–13 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई में लगभग 4 घंटे लगते हैं. वैष्णो देवी की यात्रा पूरे साल खुली रहती है.

अधर देवी मंदिर राजस्थान

इस नवरात्रि आप अधर देवी मंदिर राजस्थान जा सकते हैं. यह माउंट आबू से 3 किमी दूर एक पहाड़ी पर स्थित है. यह मंदिर माता सती के 15वें शक्तिपीठ का है. मंदिर में माता के छठे स्वरूप मां कात्यानी की गुप्त रूप से पूजा की जाती है. नवरात्रि के नौ दिनों तक भक्त मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना करते हैं. दूर-दूर से भक्त यहां माता रानी का दर्शन करने आते हैं.

चामुंडेश्वरी मंदिर, कर्नाटक

चामुंडेश्वरी मंदिर मैसूर से लगभग 30 किमी दूर चामुंडी पहाड़ियों की चोटी पर स्थित है. यह मंदिर 3,489 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और एक चौकोर संरचना है. मंदिर को देवी दुर्गा के चामुंडा रूप को समर्पित किया गया है और इसे 12वीं शताब्दी में बनाया गया था. मंदिर का नाम चामुंडेश्वरी या शक्ति के उग्र रूप के नाम पर रखा गया था. मैसूर के महाराजा ने सदियों से इस देवी की पूजा की. मंदिर में नंदी और राक्षस महिषासुर की मूर्तियाँ भी हैं. यह मंदिर देवी सती के शक्तिपीठों में से एक है क्योंकि यहां सती के बाल गिरे थे. हर साल देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में आते हैं.

बम्लेश्वरी देवी मंदिर

इस साल शारदीय नवरात्रि में आप बम्लेश्वरी देवी मंदिर (Bamleshwari Devi Temple) छत्तीसगढ़ जा सकते हैं. इसकी ऊँचाई लगभग 1600 फीट है. यह मंदिर छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जिले के निकट स्थित है और प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. मंदिर का स्थल पहाड़ के शिखर पर है, और यहाँ पर्यटक बम्लेश्वरी देवी की पूजा और दर्शन के लिए आते हैं. मंदिर की सुंदर दर्शनीयता और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है, और यहाँ से आपको छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक और सांस्कृतिक सौंदर्य का भी दर्शन करने का अवसर मिलता है. बता दें बम्लेश्वरी देवी मंदिर छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों में से एक है.

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मां विंध्यवासिनी मंदिर

हर साल नवरात्रि में भक्त मां विंध्यवासिनी मंदिर (Maa Vindhyavasini Temple) आते हैं. यह उत्तर प्रदेश राज्य के विंध्याचल पर्वतीय क्षेत्र में स्थित है. यह मंदिर मां विंध्यवासिनी को समर्पित है. मंदिर को पहुंचने के लिए कई सीढ़ियों को चढ़ना पड़ता है. मंदिर के पास विभिन्न प्राकृतिक सौंदर्य स्थल हैं, जिनमें छोटे झीलें, झूले और पिकनिक स्थल भी हैं. बता दें मां विंध्यवासिनी मंदिर उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है. यहाँ पूजा और धार्मिक आयोजनों के लिए प्रसिद्ध है.

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