Short Workout Sessions: त्योहारों और छुट्टियों के दौरान रोजमर्रा की फिटनेस दिनचर्या अक्सर प्रभावित हो जाती है. इसकी बड़ी वजह होती है कई लोग इस दौरान कहीं बाहर की यात्रा पर निकल जाते हैं, तो कई जिम या योग स्टूडियो बंद हो जाता है. सामाजिक कार्यक्रमों की व्यस्तता भी एक बड़ा कारण होता है. इन सबके बीच नियमित व्यायाम के लिए समय निकालना मुश्किल हो जाता है. कुछ लोगों के लिए यह ब्रेक शरीर को राहत देने वाला होता है, लेकिन कई लोग साल भर की मेहनत से बनी फिटनेस को बनाए रखना चाहते हैं. वहीं, बहुत से लोगों के लिए व्यायाम मानसिक सुकून का भी जरिया होता है.
पैदल चलना फिट रहने का सबसे आसान रास्ता
किसी भी मौसम में सक्रिय रहने के लिए पैदल चलना सबसे सरल और सुरक्षित तरीका माना जाता है. शोध बताते हैं कि रोजाना ज्यादा कदम चलने से किसी भी कारण से होने वाली जल्दी मृत्यु का जोखिम घटता है. विशेषज्ञों के अनुसार, 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए रोज 6,000 से 8,000 कदम और 60 वर्ष से कम उम्र वालों के लिए 8,000 से 10,000 कदम चलना फायदेमंद हो सकता है. छुट्टियों में यह एक व्यावहारिक लक्ष्य साबित होता है.
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कम समय में कार्डियो फिटनेस कैसे रखें बरकरार
जो लोग नियमित रूप से दौड़ते हैं या खेल गतिविधियों में शामिल रहते हैं, वे छुट्टियों में भी अपनी कार्डियो फिटनेस बनाए रख सकते हैं. इसके लिए सत्रों की संख्या या अवधि कम की जा सकती है, लेकिन व्यायाम की तीव्रता वही रखनी जरूरी है. विशेषज्ञों का कहना है कि हाई-इंटेंसिटी वाले छोटे सत्र, जिन्हें ‘कार्डियो एक्सरसाइज स्नैक्स’ कहा जाता है, बेहद कारगर होते हैं. शोध यह भी बताते हैं कि कुछ मिनट की तीव्र गतिविधि कई मिनट की मध्यम या हल्की गतिविधि के बराबर स्वास्थ्य लाभ दे सकती है.
ताकत बनाए रखने के लिए बॉडीवेट वर्कआउट
मांसपेशियों की ताकत बनाए रखने के लिए छुट्टियों में जिम उपकरणों पर निर्भर रहना जरूरी नहीं है. बॉडीवेट ट्रेनिंग, जिसमें शरीर के वजन का ही इस्तेमाल होता है, कम समय में असरदार साबित हो सकती है. इसे घर या पास के पार्क में किया जा सकता है. वहीं, जो लोग पहले से भारी वजन के साथ अभ्यास करते रहे हैं और जिनके पास उपकरण उपलब्ध हैं, वे सप्ताह में एक सत्र में भी भारी वजन के साथ ट्रेनिंग कर सकते हैं, जिससे ताकत बनी रहती है.
मानसिक सेहत के लिए क्यों जरूरी है एक्टिव रहना
व्यायाम सिर्फ शरीर ही नहीं, मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद अहम है. अध्ययनों के अनुसार, जिन दिनों लोग शारीरिक रूप से सक्रिय रहते हैं, उन दिनों उनका मूड बेहतर रहता है. छुट्टियों में जहां खुशियां होती हैं, वहीं तनाव, पारिवारिक टकराव या अकेलापन भी महसूस हो सकता है. ऐसे में तैराकी, योग या शांत माहौल में 20–40 मिनट की सैर चिंता और तनाव को कम करने में मददगार साबित हो सकती है.
परिवार के साथ व्यायाम बने रिश्तों की डोर
छुट्टियों में व्यायाम को परिवार के साथ समय बिताने का जरिया भी बनाया जा सकता है. शोध बताते हैं कि साथ मिलकर सक्रिय रहने से परिवार के सदस्यों के बीच आपसी जुड़ाव बढ़ता है. साइकिल चलाना, तैराकी, लाइट वॉक या शारीरिक गतिविधि वाले डिजिटल गेम जैसी गतिविधियां फिटनेस के साथ-साथ रिश्तों को भी मजबूत करती हैं.
कभी-कभी ब्रेक लेना भी है जरूरी
नियमित शारीरिक गतिविधि जरूरी है, लेकिन फिटनेस को लेकर जरूरत से ज्यादा दबाव लेना सही नहीं. विशेषज्ञ मानते हैं कि कुछ हफ्तों का ब्रेक शरीर और मन दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है। यह रिकवरी का समय देता है और तनाव कम करता है. छुट्टियों में नींद और आराम को प्राथमिकता देना, व्यायाम के लक्ष्य थोड़े हल्के करना और आत्म-देखभाल पर ध्यान देना भी उतना ही जरूरी है क्योंकि सच्ची फिटनेस संतुलन में ही है.

