Sadhguru: आज के दौर में अधिकांश लोग अपनी नौकरी और सैलरी को जीवन की खुशी और संतोष से जोड़कर देखते हैं. लेकिन सद्गुरु का कहना है कि सिर्फ सैलरी से जीवन की गुणवत्ता तय नहीं होती. उनका मानना है कि अगर आप अपने काम को केवल पैसे के लिए करते हैं तो कभी सच्ची संतुष्टि नहीं मिलती.
Sadhguru कहते है कि – आप कितने पैसे कमाते हैं, इससे सिर्फ आपकी सुविधा तय होती है, आपके जीवन की गुणवत्ता नहीं.
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सद्गुरु का मानना है कि अधिकांश लोग महीने के 30 दिन काम करते हैं और हर दिन वेतन की चिंता में रहते हैं. फिर जब वेतन मिलता है, तो वह पर्याप्त नहीं लगता और उनकी चिंता पहले से ज्यादा बढ़ जाती है. सैलरी बढ़ते ही हमारी इच्छाएं उससे दो कदम आगे बढ़ जाती हैं.
इसलिए जीवन में सच्ची खुशी और संतोष सिर्फ पैसे से नहीं मिलता.Sadhguru के अनुसार, व्यक्ति को अपने जीवन की गुणवत्ता और आत्मसंतोष पर ध्यान देना चाहिए, न कि केवल वेतन पर.
सैलरी की चिंता छोड़े और सद्गुरु टिप्स अपनाएं
- Salary पर नहीं, सीखने की गुणवत्ता पर ध्यान दें
अपनी नौकरी को केवल पैसे के साधन के रूप में न देखें. नई चीज़ें सीखने और अपने कौशल को विकसित करने पर फोकस करें. इससे आपके अंदर आत्मविश्वास और संतोष की भावना बढ़ेगी. - अपनी इच्छाओं को वश में रखें
हमेशा बड़ी इच्छाएं और लालच जीवन की सच्ची खुशी में बाधा डालते हैं. अपनी जरूरत और इच्छाओं के बीच संतुलन बनाना सीखें. - आत्मसंतोष की भावना बनाए रखें
अपने जीवन और काम में संतोष की भावना विकसित करें. जितना अधिक आप आत्मसंतुष्ट होंगे, उतना ही आपका जीवन खुशहाल और मानसिक रूप से संतुलित रहेगा.
सद्गुरु का संदेश साफ है कि नौकरी और वेतन केवल जीवन की सुविधाओं के लिए हैं. वास्तविक खुशी और संतोष आपके सीखने, इच्छाओं को नियंत्रित करने और आत्मसंतोष की भावना में निहित है.
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