Parenting Tips: आजकल के समय में मोबाइल फोन बच्चों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गए हैं. पढ़ाई से लेकर मनोरंजन तक, हर जगह स्मार्टफोन का इस्तेमाल हो रहा है. ऐसे में कई बार बच्चे फोन की जिद करने लगते हैं. माता-पिता के लिए यह स्थिति संभालना मुश्किल हो जाता है कि बच्चे को फोन दें या नहीं. अगर आप भी इसी समस्या से जूझ रहे हैं तो जानिए कि बच्चे की फोन की जिद को कैसे सही तरीके से संभालें और किन गलतियों से बचें.
Parenting Tips: बच्चा अगर फोन के लिए जिद करे तो क्या करें? जानें

1. बच्चों के साथ फोन का समय बिताएं
फोन को पूरी तरह मना करने के बजाय बच्चों के साथ मिलकर स्क्रीन टाइम बिताएं. इससे वे गलत कंटेंट से दूर रहेंगे और परिवार के साथ समय भी बितेगा.
2. फोन इस्तेमाल की सीमा तय करें
यह तय करें कि फोन केवल पढ़ाई, होमवर्क और थोड़े से मनोरंजन के लिए ही इस्तेमाल होगा. जब सीमाएं साफ होंगी तो बच्चा धीरे-धीरे उन नियमों को मानने लगेगा.
3. बच्चों के लिए सही चीजें चुनें
बच्चों को केवल वही कंटेंट दिखाएं जो उनकी उम्र और समझ के हिसाब से सही हो. इससे उनका विकास सही दिशा में होगा.
4. फोन को इनाम बनाएं, रोज की आदत नहीं
अगर बच्चा अच्छे से पढ़ाई करता है या आपकी बात मानता है तभी उसे थोड़े समय के लिए फोन दें. इसे रोज़मर्रा का हिस्सा न बनाएं.
5. खुद मिसाल पेश करें
बच्चे वही सीखते हैं जो वे देखते हैं. अगर आप हमेशा फोन में व्यस्त रहेंगे तो बच्चा भी वैसा ही करेगा. इसलिए बच्चों के सामने फोन कम इस्तेमाल करें.
Parenting Tips for Kids Mobile Use: बच्चे अगर फोन के लिए परेशान करें तो क्या न करें

1. रोने पर फोन न दें
अगर बच्चा रोता है तो तुरंत फोन उसके हाथ में न थमाएं. इससे बच्चे को यह लगेगा कि ज़िद करने से हर बार फोन मिल जाएगा.
2. बिना विकल्प दिए मना न करें
सीधे “ना” कहने की बजाय उसे दूसरा विकल्प दें जैसे खेल, किताबें या पेंटिंग. इससे उसका ध्यान बंटेगा और फोन की ज़िद कम होगी.
3. बच्चे पर ज्यादा रोक-टोक न करें
बच्चे पर जरूरत से ज्यादा काबू करने से उल्टा असर हो सकता है. सही संतुलन बनाना ही समझदारी है.
4. गिल्ट में आकर फोन का समय न बढ़ाएं
कई बार माता-पिता काम में व्यस्त रहते हैं और बच्चे को समय नहीं दे पाते. बाद में गिल्ट के कारण फोन अधिक देर तक पकड़ा देते हैं. ऐसा करने से बचें.
5. काम में व्यस्त होने पर फोन न थमाएं
बच्चे को शांत रखने के लिए मोबाइल देना आसान है लेकिन यह आदत उसके लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है.
बच्चों को फोन की आदत से पूरी तरह दूर रखना संभव नहीं है, लेकिन सही तरीके से सीमाएं तय करके और संतुलन बनाकर इसे संभाला जा सकता है. माता-पिता का रोल मॉडल बनना और बच्चों को सही विकल्प देना ही सबसे बेहतर समाधान है. याद रखें, तकनीक बच्चों की दोस्त हो सकती है लेकिन तभी जब उसका इस्तेमाल समझदारी और नियंत्रण के साथ किया जाए.
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