Ordnance Factory Day 2023: आयुध निर्माण दिवस (Ordnance Factories’ Day) हर साल 18 मार्च को मनाया जाता है. भारत की सबसे पुरानी आयुध निर्माणी, जो कोलकाता के कोसीपोर में है, का उत्पादन 18 मार्च, 1802 को शुरू हुआ था.
आयुध निर्माणी बोर्ड का इतिहास
आयुध निर्माण दिवस (Ordnance Factories’ Day) की स्थापना 1775 में हुई थी और इसका मुख्यालय आयुध भवन, कोलकाता में है. OFB में 41 आयुध निर्माणियां, 9 प्रशिक्षण संस्थान, 3 क्षेत्रीय विपणन केंद्र और 5 क्षेत्रीय सुरक्षा नियंत्रक शामिल हैं, जो पूरे भारत में फैला हुआ है.
आयुध निर्माणी बोर्ड के महत्वपूर्ण तथ्य
OFB को भारत के “चौथे रक्षा बल” और “सशस्त्र बलों के पीछे की सेना” के रूप में जाना जाता है.
OFB रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग के तहत काम कर रहा है.
भारतीय आयुध निर्माणियां सभी तीन भारतीय सशस्त्र बलों अर्थात् भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना को उत्पादों की आपूर्ति करता है.
आर्म्स एंड एमुनेशन, वेपन स्पेर्स, केमिकल्स एंड एक्सप्लोसिव्स, पैराशूट्स, लेदर और क्लोदिंग आइटम 30 से अधिक देशों में निर्यात किए जा रहे हैं.
आयुध निर्माण दिवस का महत्व
जमीन, समुद्र और वायु प्लेटफार्मों के लिए, भारतीय आयुध निर्माणी सेवाएँ निर्माण, परीक्षण, रसद, शोध, उन्नति और व्यावसायीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. वे राष्ट्रीय स्तर पर सैन्य भागों और घटकों के निर्माण के लिए एक ठोस आधार प्रदान करते हैं.
अपने लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक राष्ट्र के पास पर्याप्त आयुध और बारूद होना चाहिए. दिन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उच्च गुणवत्ता वाले सामान का उत्पादन किया जाए और श्रमिकों के पास उच्च गुणवत्ता वाला कार्यबल हो. आयुध श्री/देवी के अलावा, श्रमिकों को दिए जाने वाले अन्य सम्मानों में आयुध रत्न, आयुध भूषण और अन्य शामिल हैं.