Microdosing Exercise: आज की तेज रफ्तार वाली जिंदगी में जिम जाना या लंबे समय तक व्यायाम में टाइम स्पेंड करना हर किसी के लिए संभव नहीं है. ऐसे में माइक्रोडोजिंग व्यायाम एक नया और आसान तरीका बनकर सामने आया है, जो सिर्फ कुछ मिनटों के छोटे-छोटे सेशन में शरीर को एक्टिव और फिट रखता है. इसको अपनाकर न केवल ऊर्जा बढ़ाई जा सकती है, बल्कि वजन कम करना भी आसान हो जाता है.
माइक्रोडोजिंग व्यायाम क्या है?
माइक्रोडोजिंग व्यायाम का मतलब है दिनभर में छोटे-छोटे व्यायाम सेशन करना. ये सत्र आमतौर पर 1 से 5 मिनट के होते हैं. इसे आप कहीं भी कर सकते हैं चाहे आप ऑफिस में हों या घर पर या टीवी देखते समय. उदाहरण के लिए, आप मीटिंग ब्रेक में 10 पुश-अप्स कर सकते हैं. ऑफिस में कुछ स्क्वैट्स या स्ट्रेचिंग कर सकते हैं.
इस बारे में क्या कहता है शोध
साइंस अलर्ट की रिपोर्ट के अनुसार, दिनभर में छोटे-छोटे, उच्च तीव्रता वाले व्यायाम सत्र, लंबे वर्कआउट्स की तरह ही स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए फायदेमंद हो सकते हैं. इस अध्ययन में बताया गया कि तीन 10 मिनट के व्यायाम सत्र, एक 30 मिनट के सत्र के समान प्रभाव डाल सकते हैं. इन छोटे-छोटे ‘एक्सरसाइज स्नैक्स’ से हृदय और फेफड़ों की फिटनेस बढ़ती है और ब्लड प्रेशर में कमी आती है. रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि इन छोटे सेशन को प्रभावी बनाने के लिए उच्च तीव्रता जरूरी है.
वजन कम करने में माइक्रोडोजिंग का असर
माइक्रोडोजिंग व्यायाम से शरीर को दिनभर हल्का-हल्का तनाव मिलता है, जिससे कैलोरी बर्न होती है और मेटाबोलिज्म तेज रहता है. छोटी-छोटी एक्टिविटीज के असर को जोड़ने से दिनभर कैलोरी खर्च होती है. उदाहरण के लिए, ऑफिस में हर घंटे 5 मिनट चलना, स्क्वैट्स या पुश-अप्स करना वजन घटाने में मदद करता है. इसके अलावा, यह मसल्स को टोन करने, ऊर्जा बढ़ाने और मूड सुधारने में भी सहायक होता है.
कैसे अपनाएं माइक्रोडोजिंग व्यायाम
ऑफिस या घर में छोटे ब्रेक लें: 10–15 मिनट के छोटे-छोटे हल्का एक्सरसाइज करें.
सीढ़ी चढ़ना या तेज वॉक करना: दिन में कुछ बार सीढ़ियां चढ़ें या कहीं किसी काम से आते जाते वक्त तेज वॉक करें.
टीवी या फोन ब्रेक में स्ट्रेचिंग: हल्की स्ट्रेचिंग या ब्रेक के वक्त हल्का पुश-अप्स करें.
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