16.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

यहां के आदिवासी मर्दों के पीछे पागल है विदेशी महिलाएं, प्रेगनेंट होने के लिए देती है पैसे

Ladakh Tourism: लद्दाख के आर्य वैली गांव में विदेशी महिलाएं क्यों प्रेग्नेंट होने आती हैं? जानिए ब्रोकपा जनजाति और प्रेग्नेंसी टूरिज्म से जुड़ी पूरी सच्चाई.

Ladakh Tourism: लद्दाख भारत का ऐसा जगह है जहां हर कोई घूमने के लिए जाना चाहता है. दरअसल यहां की खूबसूरती ही ऐसी है कि लोग यहां के प्रकृतिक सौंदर्य की ओर खींचे चले आते हैं. लेकिन अगर हम आपको कहें कि लद्दाख के एक गांव में महिलाएं प्रेगनेंट होने के लिए आती है तो आपको यकीन नहीं होगा. यह गांव कारगिल से करीब 70 किलोमीटर दूर है, जिसे आर्य वैली कहा जाता है.

कौन रहते हैं इस गांव में?

विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस गांव में ब्रोकपा जनजाति के लोग रहते हैं. ऐसा कहा जाता है कि ये लोग सिकंदर महान की सेना के वंशज हैं. कुछ लोग मानते हैं कि ये दुनिया के आखिरी “शुद्ध आर्य” हैं. हालांकि, इसके कोई पक्के सबूत नहीं हैं, लेकिन उनकी लंबी कद-काठी, अलग चेहरा-मोहरा और मजबूत शरीर की वजह से ऐसी कहानियां प्रचलित हैं.

Also Read: ओशो के सबसे बड़े फैन क्यों थे विनोद खन्ना? रहस्य जानने के बाद बेहोश हो जाएंगे अक्षय

क्यों आती हैं विदेशी महिलाएं?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूरोप और दूसरे देशों की महिलाएं इस गांव में इसलिए आती हैं ताकि वह ब्रोकपा पुरुषों से बच्चा पैदा कर सकें. उनका मानना है कि इन लोगों के शरीर की बनावट बहुत अच्छी होती है, अगर वह उनके साथ शारीरिक संबंध बनाएं तो उनके बच्चे भी उनके जैसे ही होंगे.

शारीरिक संबंध बनाने के लिए देती हैं पैसे

ऐसा भी कहा गया है कि विदेशी महिलाएं शारीरिक संबंध बनाने के बदले पुरुषों को पैसे भी देती हैं. पहले इस गांव के बारे में बहुत कम लोग जानते थे, लेकिन इंटरनेट और सोशल मीडिया के कारण अब यहां विदेशी महिलाएं ज्यादा आने लगी हैं.

क्या यह सब सच है?

ब्रोकपा आदिवासी समुदाय खुद को आर्य बताता है, लेकिन इसके बारे में कोई वैज्ञानिक प्रमाण या डीएनए जांच मौजूद नहीं है. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि “प्रेग्नेंसी टूरिज्म” जैसी बातें असली कम और कहानियां ज्यादा लगती हैं. हो सकता है कि यह कुछ लोगों के अनुभव पर आधारित हो, लेकिन इसे पूरी सच्चाई मान लेना सही नहीं होगा. वहीं The Parrey नामक यूट्यूबर ने जब इस गांव का दौरा करके एक जोबांग डोलमा नामक बूढ़ी महिला से बात किया तो उन्होंने कहा कि पहले ऐसा होता था. लेकिन अब ऐसा नहीं होता. वहीं, कुछ स्थानीय पुरुषों का कहा कि प्रेगनेंसी वाली बात सच है. ऐसा अब भी होता है. यूरोप से आने वाली महिलाएं दो-दो महीने यहां रूकती है, लेकिन नाम खराब होने की वजह से खुलकर कोई इसका खुलासा नहीं करता है.

Also Read: झारखंड का हर्बल खजाना वाला सुपरफूड, डायबिटीज, आंख संबंधी कई बीमारियां ऐसे होंगी गायब जैसे मिस्टर इंडिया में अनिल कपूर

Sameer Oraon
Sameer Oraon
इंटरनेशनल स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मीडिया से बीबीए मीडिया में ग्रेजुएट होने के बाद साल 2019 में भारतीय जनसंचार संस्थान दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा किया. 5 साल से अधिक समय से प्रभात खबर में डिजिटल पत्रकार के रूप में कार्यरत हूं. इससे पहले डेली हंट में भी बतौर प्रूफ रीडर एसोसिएट के रूप में भी काम किया. झारखंड के सभी समसमायिक मुद्दे खासकर राजनीति, लाइफ स्टाइल, हेल्थ से जुड़े विषय पर लिखने और पढ़ने में गहरी रूचि है. तीन साल से अधिक समय से झारखंड डेस्क पर काम किया. फिर लंबे समय तक लाइफ स्टाइल डेस्क पर भी काम किया. इसके अलावा स्पोर्ट्स में भी गहरी रूचि है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel