Jaya Kishori: प्रसिद्ध कथावाचिका और प्रेरक वक्ता जया किशोरी समय-समय पर अपने विचारों से लोगों को जीवन जीने की सही दिशा दिखाती रहती हैं. हाल ही में उन्होंने गुस्से और रिश्तों में आने वाली बहस पर एक खास सीख साझा की.
जया किशोरी का मानना है कि गुस्से को दबाना कभी सही विकल्प नहीं है, क्योंकि जब हम अपने इमोशंस को दबाते हैं, तो वे एक दिन ज्वालामुखी की तरह फूट जाते हैं.
Jaya Kishori Quotes: जया किशोरी के अनमोल विचार
मैं जब भी किसी कठिन स्थिति या बहस का सामना करती हूं, तो खुद को कुछ समय के लिए अलग कर लेती हूँ. लेकिन बाद में मैं शांत होकर बैठती हूं और हर बात पर चर्चा करती हूं. मैं कभी झगड़ा या बहस नहीं करती, क्योंकि बहस करना अपरिपक्वता की निशानी है.
– जया किशोरी
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जया किशोरी ने बताया कि जब भी दो लोगों के बीच बहस होती है या ऐसी स्थिति आती है जिससे गुस्सा आता है, तो उस समय तुरंत प्रतिक्रिया देना सही नहीं होता.
सबसे पहले ब्रेक लेना चाहिए.
बहस से बचना चाहिए क्योंकि उस समय कहे गए शब्द रिश्तों को तोड़ सकते हैं.
थोड़ी देर बाद जब माहौल शांत हो जाए तो एक-दूसरे से बैठकर बात करनी चाहिए.
अहंकार में आकर बातचीत बंद ना करें.
छोड़ो कहकर मुद्दे को अनसुलझा न छोड़ें, बल्कि समाधान ढूंढें.
जया किशोरी मानती हैं कि हर रिश्ते में गलतफहमियां और मतभेद आते हैं. अगर इन पर सही समय पर चर्चा न की जाए तो रिश्ते कमजोर हो जाते हैं. बहस करने से कभी समाधान नहीं निकलता, बल्कि रिश्ते और बिगड़ जाते हैं. इसके बजाय शांति से बैठकर संवाद करना ही सबसे बेहतर रास्ता है.
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में अक्सर लोग गुस्से को दबा लेते हैं या तुरंत झगड़ने लगते हैं. ऐसे में उनका कहना कि गुस्से को दबाना नहीं, बल्कि सही समय पर शांत होकर बातचीत करना ही परिपक्वता की निशानी है – रिश्तों को मजबूत बनाने का महत्वपूर्ण संदेश देता है.
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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.

