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इस साल एपीडा बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के आमों के निर्यात पर विशेष जोर दे रहा है
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लंगड़ा, दशहरी, हिमसागर और जरदालू आदि के निर्यात की संभावना
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भारत से अब तक आम का निर्यात संयुक्त अरब अमीरात, यूरोपियन यूनियन और नेपाल को होता रहा है
Mango Exports : आम का उत्पादन करने के मामले में भारत दुनिया में सबसे आगे है. बावजूद इसके देश से आम की कुछ ही किस्मों का निर्यात किया जाता है. कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के चेयरमैन एम अंगामुत्थू की मानें, तो इस दिशा में जल्द ही सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल सकता है.
एम अंगामुत्थू ने कहा कि अभी तक आम के निर्यात में अल्फांसो और केसर की मांग सबसे अधिक रही है, लेकिन अब हम बिहार और उत्तर प्रदेश में होनेवाली आम की किस्में जैसे-लंगड़ा, दशहरी, हिमसागर और जरदालू आदि के निर्यात की संभावनाएं तलाश रहे हैं.
संचालित किये जा रहे कई ट्रेनिंग प्रोग्राम : इस साल एपीडा बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के आमों के निर्यात पर विशेष जोर दे रहा है, जिसके लिए वाराणसी और सहारनपुर में कई ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किये गये हैं ताकि अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन किया जा सके. साथ ही मथुरा, उत्तराखंड और बिहार में इरेडिएशन फैसिलिटी शुरू करने की योजना है. लखनऊ, नासिक, बेंगलुरु और वाशी में पहले से ऐसी सुविधा है. ट्रेनिंग प्रोग्राम से काफी लाभ मिलेगा.
नये देशों में निर्यात की तैयारी: भारत से अब तक आम का निर्यात संयुक्त अरब अमीरात, यूरोपियन यूनियन और नेपाल को होता रहा है, लेकिन अब दूसरे देशों में भी निर्यात की तैयारी की जा रही है. इन देशों में जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और मॉरीशस शामिल हैं. भारत दुनिया में आम का सबसे बड़ा उत्पादक है लेकिन निर्यात के मामले में वह मेक्सिको और पाकिस्तान से पिछड़ा हुआ है.
लॉकडाउन का निर्यात पर भारी असर : पिछले वित्त वर्ष में आम का निर्यात उससे पिछले वर्ष की तुलना में कम रहा. वर्ष 2019-20 में भारत से 5.6 करोड़ डॉलर का आम निर्यात हुआ, जबकि पिछले साल अप्रैल से फरवरी के बीच करीब 2.83 करोड़ डॉलर का आम निर्यात किया गया. निर्यात में आयी कमी का एक बड़ा कारण कोरोना लॉकडाउन रहा, जो आम के पीक सीजन के साथ लगा था.
Posted By : Amitabh Kumar