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Teachers Day 2022: शिक्षक दिवस आज, यहां देखें डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के विचार

Teachers Day 2022: डॉ राधाकृष्णन 1962 से 1967 तक भारत के दूसरे राष्ट्रपति रहे थे. शिक्षक दिवस मुख्य रुप से देश के दूसरे राष्ट्रपति और एक महान शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर मनाया जाता है.

Teachers Day 2022 : 5 सितंबर को, भारत में हर साल शिक्षक दिवस मनाया जाता है. यह दिन भारत के पहले उपराष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है. डॉ राधाकृष्णन 1962 से 1967 तक भारत के दूसरे राष्ट्रपति रहे थे. शिक्षक दिवस मुख्य रुप से देश के दूसरे राष्ट्रपति और एक महान शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर मनाया जाता है. राधाकृष्णन दर्शनशास्त्र के विद्वान थे. उन्होंने भारतीय संस्कृति, परंपरा और दर्शनशास्त्र का गहन अध्ययन किया था.

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के विचार

  • शिक्षक वह नहीं जो छात्र के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि वास्तविक शिक्षक तो वह है जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करें.

  • केवल निर्मल मन वाला व्यक्ति ही जीवन के आध्यात्मिक अर्थ को समझ सकता है. स्वयं के साथ ईमानदारी आध्यात्मिक अखंडता की अनिवार्यता है.

  • ज्ञान हमें शक्ति देता है, प्रेम हमें परिपूर्णता देता है.

  • कोई भी आजादी तब तक सच्ची नहीं होती,जब तक उसे विचार की आजादी प्राप्त न हो. किसी भी धार्मिक विश्वास या राजनीतिक सिद्धांत को सत्य की खोज में बाधा नहीं देनी चाहिए.

  • किताबें पढ़ने से हमें एकांत में विचार करने की आदत और सच्ची खुशी मिलती है.

  • पुस्तकें वो साधन हैं, जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का निर्माण कर सकते हैं. पुस्तकें वे साधन हैं जिनके द्वारा हम संस्कृतियों के बीच पुलों का निर्माण करते हैं.

  • सच्चे शिक्षक वे हैं जो हमें अपने लिए सोचने में मदद करते हैं.

  • मेरी महत्वाकांक्षा न केवल क्रॉनिकल की है बल्कि मन की गति को समझाने और प्रकट करने और मानव प्रकृति के गहन विमान में भारत के स्रोतों को उजागर करने की है.

  • केवल निर्मल मन वाला व्यक्ति ही जीवन के आध्यात्मिक अर्थ को समझ सकता है. स्वयं के साथ ईमानदारी, आध्यात्मिक अखंडता की अनिवार्यता है.

  • भगवान हम में से हर एक में रहता है, महसूस करता है और पीड़ित होता है और समय के साथ हम में से प्रत्येक में उसकी विशेषताओं, ज्ञान, सौंदर्य और प्रेम का पता चलेगा.

  • अपने पड़ोसी से खुद की तरह प्रेम करो क्योंकि तुम खुद अपने पड़ोसी हो. यह तुम्हारा भ्रम है जो तुम्हें ये सोचने पर विवश करता है कि तुम्हारा पड़ोसी तुम्हारे अलावा कोई और हैं
    यदि मानव दानव बन जाता है तो ये उसकी हार है, यदि मानव महामानव बन जाता है तो ये उसका चमत्कार है. यदि मनुष्य मानव बन जाता है तो ये उसके जीत है

  • हमें राजनीतिक या आर्थिक बदलाव से शांति नहीं मिलती बल्कि शांति मानवीय स्वभाव में बदलाव से आ सकती है.

  • ज्ञान हमें शक्ति देता है, प्रेम हमें पूर्णता प्रदान करता है.

  • ज्ञान और विज्ञान के आधार पर ही आनंद और आनंद का जीवन संभव है.

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