Gita Updesh: मनुष्य के जीवन का जब तक अंत नहीं होता है, तब तक उसे सुख और दुख की परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है. उसे जीवन के हर मोड़ पर फैसले लेने पड़ते हैं. कभी ये फैसले बहुत कड़े होते हैं, जो कि अपने और दूसरों के लिए बहुत ही कष्टदायक हो सकती हैं. जिंदगी में फैसला लेते समय व्यक्ति को सावधान रहने की जरूरत होती है, क्योंकि आपका एक फैसला दूसरे की जिंदगी में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों बदलाव आ सकते हैं. हालांकि, फैसले लेते समय कुछ लोग बहुत असमंजस की स्थिति में होते हैं, क्योंकि एक बार लिया गया फैसला बदलना आसान नहीं होता है. ऐसे में आप भी इसी तरह की किसी असमंजस की स्थिति से गुजर रहे हैं, तो गीता में बताई गई इन बातों का विशेष ख्याल रखें. ये बातें व्यक्ति को जिंदगी में सही फैसले लेने में मदद करते हैं और कठिन परिस्थितियों का सामना करने का हौसला देते हैं.
- जीवन में भावनाओं की गहरी भूमिका होती है, जिसके कारण हम अपने प्रियजनों से जुड़े निर्णय लेते समय अक्सर असमंजस में पड़ जाते हैं. अर्जुन भी कुरुक्षेत्र में ऐसी ही स्थिति में थे, जब उन्हें अपने ही संबंधियों के खिलाफ युद्ध करना था. तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें सिखाया कि निर्णय भावनाओं से प्रभावित होकर नहीं, बल्कि बुद्धि और धर्म के आधार पर लेने चाहिए.
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- श्रीमद्भगवद्गीता भगवान श्रीकृष्ण में कहते हैं कि निर्णय लेने से पहले खुद से पूछना चाहिए – क्या मैं इसे भावुकता या क्रोध में आकर ले रहा हूं? सही निर्णय वही होता है जो निष्पक्ष और आत्मविश्लेषण के बाद लिया जाए. यदि अपने उत्तर से संतुष्ट न मिले, तो बेहतर होगा कि निर्णय लेने से पहले और विचार किया जाए.
- किसी भी कार्य को करते समय उस पर अटूट विश्वास होना चाहिए. श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण हमें सिखाते हैं कि आत्मविश्वास और निरंतर प्रयास से ही सफलता संभव है. यदि हम स्वयं पर विश्वास नहीं करेंगे, तो जीवन में कुछ भी प्राप्त कर पाना मुश्किल होगा. इसलिए अपने निर्णयों पर दृढ़ रहें और भगवान में आस्था रखते हुए सोच-समझकर व्यावहारिक निर्णय लें.
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