Garuda Purana : गरुड़ पुराण हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण शास्त्र है, जिसमें जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहरी बातें कही गई हैं. इसमें न केवल आध्यात्मिक और धार्मिक विषयों की चर्चा है, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक शांति के बारे में भी कई निर्देश दिए गए हैं. गरुड़ पुराण में महिलाओं के पीरियड्स से रिलेटेड भी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं, जिन्हें जानकर महिलाएं अपनी शारीरिक और मानसिक स्थिति का बेहतर ख्याल रख सकती हैं. यह पुराण पीरियड्स के दौरान शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से उचित ध्यान रखने की सलाह देता है:-
- गरुड़ पुराण में महिला शारीरिक स्वास्थ्य और जीवन चक्र के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें कही गई हैं.
- इसमें पीरियड्स (मासिक धर्म) को एक प्राकृतिक प्रक्रिया के रूप में माना गया है, जिसे महिलाओं के शरीर का हिस्सा माना गया है.
- गरुड़ पुराण के अनुसार, मासिक धर्म के दौरान महिला को शारीरिक और मानसिक आराम की आवश्यकता होती है.
- इस दौरान महिलाओं को शारीरिक थकान और मानसिक तनाव से बचने के लिए विश्राम की सलाह दी जाती है.
- गरुड़ पुराण में यह भी कहा गया है कि इस समय महिलाओं को आध्यात्मिक कार्यों में भाग लेने से बचना चाहिए.
- मासिक धर्म के दौरान महिला को शुद्धता बनाए रखने की आवश्यकता होती है, जिससे शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाए रखा जा सके.
- गरुड़ पुराण में पीरियड्स के दौरान महिलाओं को परिवार और समाज से कुछ हद तक अलग रखने की बात की गई है.
- गरुड़ पुराण में महिलाओं को यह भी बताया गया है कि इस समय की जाने वाली पूजा और व्रत से उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति पर सकारात्मक असर पड़ सकता है.
- गरुड़ पुराण में महिला के मासिक धर्म को प्रकृति के नियमों के तहत एक महत्वपूर्ण घटना माना गया है, और इसे प्राकृतिक संतुलन के रूप में स्वीकार किया गया है.
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इसके माध्यम से यह सिखाया गया है कि पीरियड्स को एक दायित्व या दोष के रूप में नहीं देखना चाहिए, बल्कि इसे एक प्राकृतिक प्रक्रिया के रूप में सम्मानित करना चाहिए.