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Circadian Rhythm: नींद से लेकर वर्कआउट तक, सही समय पर हर काम करना किस तरह बनाता है आपके बॉडी को नैचुरली फिट और एनर्जेटिक?

Circadian Rhythm: सर्केडियन रिदम कोई कॉम्प्लेक्स साइंस नहीं, बल्कि हमारे लाइफस्टाइल का ही नैचुरल हिस्सा है. इसके अनुसार जब हम सूर्य के हिसाब से अपनी रूटीन सेट करते हैं जैसे कि सुबह उठना, समय पर खाना, समय पर सोना और सही समय पर वर्कआउट करना तो हमारा शरीर अपने आप बैलेंस और हेल्दी हो जाता है.

Circadian Rhythm: अक्सर हम सभी के दिमाग में यह सवाल आता है कि हेल्दी रहने के लिए क्या खाना चाहिए? कितनी नींद लेनी चाहिए? और कब वर्कआउट करना चाहिए? लेकिन, ज्यादातर लोग इस बात को नजरअंदाज कर देते हैं कि सिर्फ क्या और कितना ही नहीं बल्कि कब भी उतना ही जरूरी है. यही बैलेंस हमारे शरीर की सर्केडियन रिदम से जुड़ा होता है. अगर आप इस बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं तो बता दें यह एक तरह की नैचुरल बॉडी क्लॉक है जो हमें बताती है कि कब सोना है, कब उठना है, कब खाना है और कब शरीर को एक्टिव रखना है. अगर हम इस रिदम के हिसाब से अपनी डेली रूटीन को ढाल लें तो बिना किसी एडिशनल मेहनत के हेल्दी और एनर्जेटिक लाइफ जी सकते हैं.

सर्केडियन रिदम क्या है?

सर्केडियन रिदम हमारे शरीर की इंटरनल बायोलॉजिकल या फिर नेचुरल क्लॉक है, जो 24 घंटे के साइकल पर काम करती है. यह हमारे सोने-जागने का समय, हार्मोन का फ्लो, मेटाबोलिज्म और यहां तक कि हमारी मूड को भी कंट्रोल करती है. सर्केडियन रिदम को आसान शब्दों में समझें तो जब हम सूर्य की रोशनी में रहते हैं, तो हमारे शरीर में एक्टिव हार्मोन रिलीज होते हैं और जब रात का अंधेरा होता है तो शरीर में नींद वाले हार्मोन जैसे कि मेलाटोनिन को रिलीज होता है. यही कारण है कि सूर्यास्त के बाद नींद आना और सुबह रोशनी में खुद-ब-खुद उठ जाना नैचुरल प्रोसेस है.

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सर्केडियन रिदम के अनुसार कब खाना चाहिए?

सर्केडियन रिदम के अनुसार हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम सुबह और दोपहर के समय सबसे ज्यादा स्ट्रॉन्ग होती है. इसके अनुसार हमें सुबह का नाश्ता सूर्योदय के 1 से 2 घंटे के अंदर करना चाहिए. इस समय ब्रेकफास्ट करना सबसे हेल्दी माना जाता है. इस समय हमारे शरीर को एनर्जी की जरूरत होती है और मेटाबोलिज्म भी एक्टिव रहता है. अब बात करें लंच की तो इसे दोपहर 12 से 2 बजे के बीच लंच करना सबसे अच्छा है. इस समय हमारी डाइजेस्टिव फायर अपने पीक पर होती है और खाना आसानी से डाइजेस्ट हो जाता है. वहीं, डिनर करने के लिए शाम के 7 बजे तक या सूर्यास्त के 2 घंटे के अंदर कर लेना बेस्ट माना जाता है. देर रात का खाना न सिर्फ डाइजेशन में भारी होता है बल्कि नींद को भी डिस्टर्ब करता है.

सर्केडियन रिदम के अनुसार कब सोना चाहिए?

एक्सपर्ट्स के अनुसार नींद की क्वालिटी हमारी पूरी हेल्थ को अफेक्ट करती है. अगर आप सही तरीके से सो नहीं पाते हैं तो इसका हमारे सेहत पर काफी बुरा असर पड़ता है. सर्केडियन रिदम के अनुसार सोने का सही समय रात 10 से 11 बजे के बीच होता है ताकि शरीर को पूरी तरह रेस्ट और रिपेयर का समय मिल सके. वहीं, जागने का सही समय सूर्योदय के समय या उसके आसपास सबसे फायदेमंद होता है. इससे शरीर की नैचुरल क्लॉक सूर्य की रोशनी से सिंक हो जाती है और दिनभर एनर्जी बनी रहती है. अगर आप देर रात तक जागते हैं या सुबह देर से उठते हैं, तो आपका सर्केडियन रिदम बिगड़ जाता है, जिसका असर सीधे नींद, मूड और डाइजेशन पर पड़ता है.

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सर्केडियन रिदम के अनुसार वर्कआउट कब करना चाहिए?

शायद आपको यह जानकर हैरानी हो लेकिन वर्कआउट का समय भी सर्केडियन रिदम से जुड़ा है. इसके अनुसार सुबह का वर्कआउट सुबह 6 से 8 बजे के बीच सबसे सही माना जाता है. इस समय में हल्की एक्सरसाइज जैसे योगा, वॉक या मेडिटेशन करना दिमाग और शरीर दोनों को एक्टिव कर देता है. वहीं, शाम का वर्कआउट 5 से 7 बजे का समय बेस्ट है अगर आप स्ट्रेंथ ट्रेनिंग या हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट करते हैं. शाम के इस समय हमारे मसल्स स्ट्रॉन्ग और बॉडी का टेम्परेचर हाई रहता है.

सर्केडियन रिदम के फायदे

एक्सपर्ट्स के अनुसार जब आप सर्केडियन रिदम को फॉलो करते है नींद की क्वालिटी बेहतर होती है और साथ ही आपका डाइजेशन भी बेहतर होता है. जब आप सर्केडियन रिदम के अनुसार काम करते हैं तो आपका मोटापा भी कंट्रोल में रहता है. इसके अलावा इसके अनुसार चलने पर स्ट्रेस और एंग्ज़ाइटी कम होती है, दिनभर एनर्जी और फोकस बना रहता है.

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Saurabh Poddar
Saurabh Poddar
Digital Media Journalist having more than 2 years of experience in life & Style beat with a good eye for writing across various domains, such as tech and auto beat.

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