Chanakya Niti: चाणक्य एक महान शिक्षक होने के साथ अर्थशास्त्री, कुशल रणनीतिकार और नीतिशास्त्री थे. जीवन के अनुभवों के आधार पर उन्होंने एक ग्रंथ की रचना की, जिसे आज चाणक्य नीति के नाम से जानते हैं. यह ग्रंथ राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, निजी संबंधों से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से बातें बताती है. जो भी व्यक्ति इस ग्रंथ में बताई नीतियों को अपने जीवन में अनुसरण करता है, वह जीवन की हर मुश्किलों से निपटने में सक्षम हो जाता है. चाणक्य ने इस ग्रंथ में सफलता पाने के कई राज बताए हैं. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति सफल होने के लिए प्रकृति से कई चीजें सीख सकता है. वह पेड़-पौधे, पशु-पक्षियों से जुड़ी कई गुण सीख सकता है, जो कि व्यक्ति की मानसिक विकास और उन्नति में बहुत मददगार साबित होगा.
बगुले से सीखें यह गुण
- आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति बगुले का गुण सीख सकता है. यह व्यक्ति को सफलता दिलाने के साथ व्यक्तित्व को भी निखारने का मदद करता है. बगुले का कुछ स्वभाव व्यक्ति को बेहतर इंसान बनाने का काम करता है.
- चाणक्य नीति के अनुसार, बगुला बहुत ही संयमित स्वभाव का होता है. वह अपनी इंद्रियों को नियंत्रण में रखते हुए सब काम करता है. ऐसे में व्यक्ति, बगुले के इस स्वभाव को अपने स्वभाव में अपनाना चाहिए. इंसान का संयमित स्वभाव व्यक्ति को सफल इंसान बनाता है और उसे बेहतरीन इंसान बनाता है. दरअसल, बगुला मछली के सिर को अपनी चोंच में दबाने के लिए एक टांग पर खड़ा होता है. इसके अतिरिक्त वह किसी अन्य बातों पर ध्यान नहीं देता है. ऐसे में व्यक्ति को भी अपने लक्ष्य के सिवाय अन्य किसी भी चीज पर ध्यान नहीं देना चाहिए.
- आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बगुले के इस स्वभाव को अपनाने वाला व्यक्ति किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त कर सकता है. स्वभाव से संयमित होना बुद्धिमान व्यक्ति की निशानी होती है. खुद पर संयम रखने वाला व्यक्ति हर काम में सफलता हासिल कर सकता है.